स्मृति ईरानी ने नॉमिनेशन फॉर्म में खुद कबूला ‘नहीं हैं ग्रेजुएट’

अमेठी (एजेंसी)। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उन्हीं गढ़ अमेठी में टक्कर दे रही हैं। उन्होंने गुरुवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इससे पहले उन्होंने रोड शो किया जिसमें काफी भीड़ भी जुटी लेकिन इस भीड़ से ज्यादा उन्होंने अपने नामांकन पत्र में अपनी जिंदगी के एक बड़े राज से पर्दा उठाया है। उनके इस नामांकन पत्र में एक ऐसी सच्चाई है जिससे वह काफी समय से इंकार करती चली आ रही हैं। अपनी इस सच्चाई के बारे में उन्होंने पहली बार साफतौर कुछ कहा है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने नामांकन भरने के दौरान जो शपथ पत्र जमा किया है उसमें कबूल किया है कि उन्होंने अपना स्नातक पूरा नहीं किया है। गौरतलब है कि उन्होंने यही बात 2017 में राज्यसभा का नॉमिनेशन भरते वक्त भी कबूल किया था। 2014 में जब वह अमेठी से लड़ रही थीं तब उन्होंने पहली बार अपनी डिग्री के लिए लिखा था, “बैचलर ऑफ कॉमर्स पार्ट-1, स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (कोरसपॉन्डेंस) दिल्ली यूनिवर्सिटी 1994।” हालांकि जब वह 2004 में चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं तो उन्होंने एफिडेविट में अपनी डिग्री के बारे में लिखा था, बीए या बैचलर ऑफ आर्ट्स 1996 दिल्ली यूनिवर्सिटी (स्कूल ऑफ कोरसपॉन्डेंस)।

इस बार स्मृति ईरानी ने जो शपथ पत्र भरा है उसमें उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता कुछ इस प्रकार बताई है। भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने सीबीएसई बोर्ड से 1991 में हाईस्कूल व 1993 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उतीर्ण की है। शपथ पत्र में दी गई जानकारी के अनुसार उन्होंने वर्ष 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध स्कूल ऑफ ओपेन लर्निंग (पत्राचार) से बीकॉम प्रथम वर्ष तक की पढ़ाई का उल्लेख है। उनके शपथ पत्र में बीकॉम ऑनर्स डिग्री नॉट कम्प्लीटेड लिखा है।

2014 के लोकसभा चुनाव में नामांकन पत्र के साथ दाखिल शपथपत्र के मुताबिक स्मृति पर 70 हजार तो उनके पति जुबिन ईरानी पर 1.75 करोड़ रुपये का कर्ज था। इस चुनाव में नामांकन पत्र के साथ दाखिल शपथ पत्र में कर्ज के कॉलम के आगे शून्य दिखाया गया है।

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