नई दिल्ली. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 26 घंटे के बाद पीड़ित परिवार से मिली. और उनके साथ पत्रकारों को भी संबोधित किया. उन्होंने पीड़ितों को 10 लाख मुआवजा देने की भी घोषणा की. मिर्जापुर के डी.एम. ने कहा कि कांग्रेस महासचिव गिरफ्तार नहीं हैं वो जा सकती हैं.
इस दौरान प्रियंका ने कहा कि इसे योजनाबद्ध ढंग से अंजाम दिया गया हैं. यह भयावह हैं. सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे जो गोली से नहीं मरा उन्हें लाठी-डंडो से मारा गया हैं. महिलाओं को ईट से मारा गया. सभी को 25-25 लाख का मुआवजा दिया जाए. जमीन पर इनका मालिकाना हक मिले, मामला फ़ास्ट ट्रैक किया जाए, गलत केस खत्म किए जाए. इन सब की सुरक्षा जरूरी है.
प्रियंका गांधी ने आगे कहा, पूरी जिम्मेदारी योगी आदित्यनाथ और बीजेपी की है. शासन जनता की सेवा के लिए होता है उन्हें प्रताड़ित नहीं करना चाहिए. कांग्रेस पार्टी हर पीड़ित परिवार को दस लाख रुपए देगी. उन्होंने इस कांड की जांच की भी मांग की.
पीड़ित परिवार के सदस्यों ने कहा कि 17 तारीख को 11 बजे लोग बंदूक-डंडों के साथ पहुंच कर विवादित जमीन जोतने लगे. हम लोगों ने विरोध किया तो मारना शुरू कर दिया. हम चाहते हैं कि ट्रस्ट की जमीन आदिवासियों के बीच बांट दिया जाए. हमें पता चला कि प्रियंका गांधी को प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया है तो हमने यहां आने का फैसला किया. हम दुख दर्द बताने के लिए आए हैं. BHU ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए पैसे मांगे गए. हम लोगों पर गुंडा ऐक्ट भी लगाया गया है. प्रशासन से हम नहीं मिले. वो समझौता करवाना चाह रहे थे. लेकिन हमने कहा कि ये मामला अदालत में है उन्होंने ने आगे कहा, प्रशासन की सहमति और मिलीभगत से पूरी घटना हुई है.घटना के सुबह पुलिस ने फोन कर थाने बुलाया. आशंका जताने पर कहा कि कुछ नहीं होगा. (एजेंसी/एबीपी न्यूज)