नई दिल्ली (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को तहलका पत्रिका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने गोवा की निचली अदालत में अपने ऊपर तय आरोप को रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने तेजपाल के खिलाफ ट्रायल जारी रखते हुए निचली अदालत को छह महीने के अंदर सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया है। अदालत का कहना है कि यह पीड़िता की निजता पर हमला था। तेजपाल पर 2013 में अपनी सहकर्मी का शोषण करने का आरोप लगा था।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा के नेतृत्व वाली एक पीठ ने गोवा की निचली अदालत को तेजपाल के खिलाफ दर्ज मामले में सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर छह महीने के भीतर पूरी करने का आदेश भी दिया।
तेजपाल पर आरोप है कि उन्होंने 2013 में गोवा के एक पांच सितारा होटल के एलिवेटर में अंदर पूर्व महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न किया था। तहलका पत्रिका के संस्थापक ने हालांकि इन सभी आरोपों से इनकार किया है।
अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद तेजपाल को अपराध शाखा ने 30 नवम्बर 2013 को गिरफ्तार किया था। वह मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं।