मुंबई (एजेंसी)। पुणे स्थित एक दंपत्ति ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने मांग की थी कि मुस्लिम महिलाओं को भी उनके मस्जिद में प्रवेश मिलना चाहिए। जो उनका मौलिक अधिकार है। उन्होंने याचिका में लिखा था कि देश में मुस्लिम महिलाओं के मस्जिदों में प्रवेश पर प्रतिबंध को “अवैध और असंवैधानिक” घोषित करने के लिए भी निर्देश दिया जाए क्योंकि यह महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए केंद्र, राष्ट्रीय महिला आयोग, सेंट्रल वक्फ काउंसिल और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया कि मुस्लिम महिलाओं को मस्जिदों में प्रवेश करने और नमाज़ अदा करने की अनुमति दी जाए।
ज्ञात हो कि याचिका में मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश पर रोक को खत्म करने की मांग की गई है। याचिका में अदालत से अपील की गई है कि इस बारे में वह बकायदा निर्देश जारी करे। प्रस्तुत आवेदन में कहा गया है कि मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश पर रोक उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
याचिका में यह भी कहा गया कि कुरान और हदीस में लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। इस तरह की परंपरा महिलाओं की गरिमा के भी खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि पुरुषों की तरह महिलाओं का भी इबादत करने का संवैधानिक अधिकार है।