नई दिल्ली (एजेंसी)। मोदी सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े एक नियम में बड़ा बदलाव किया है। सरकार की ओर से इस बदलाव को क्रांतिकारी करार दिया गया है। इसका उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा जो पढ़े-लिखे नहीं हैं।
दरअसल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मिनिमम एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की बाध्यता को खत्म कर दिया है।
मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या रिन्यू कराने के लिए 8वीं पास शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता नहीं रहेगी। बता दें कि अब तक लाइसेंस के लिए 8वीं तक की शैक्षणिक अनिवार्यता जरूरी रही है।
इस बदलाव के संबंध में जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ने ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट पर लिखा – समाज के कम पढ़े-लिखे और गरीब लोग ड्राइविंग से रोजगार की संभावना तलाशते हैं। सरकार ने 8वीं तक की पढ़ाई की अनिवार्यता हटा दी है जिससे उनकी पढ़ाई के कारण रोजगार न रुके। ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी 22 लाख से अधिक ड्राइवरों की कमी है, इससे लाखों जिंदगीयां बेहतर हो सकती हैं।
अब लाइसेंस उन्हीं लोगों को मिलेगा जिन्होंने ड्राइविंग टेस्ट पास किया है। यही नहीं, ड्राइविंग की ट्रेनिंग के लिए देश में 2 लाख स्किल सेंटर भी खोलने का ऐलान किया गया है। यहां लोगों को ट्रेनिंग के जरिए सड़क सुरक्षा के नियम बताए जाएंगे।
बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता से छूट देने की सिफारिश की थी।