नई दिल्ली(एजेंसी): सरकार ने त्योहारी मौसम शुरू होने से पहले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए LTC कैश वाउचर और फेस्टिवल एडवांस के नाम से तीन योजनाओं का एलान किया है. इसे सरकार का बंपर फेस्टिवल ऑफर कहा जा रहा है. लेकिन फेस्टिवल ऑफर वो होता है जिसमें आपको फायदा दिखता तो है पर असल में आपका फायदा होता नहीं. सरकार ने भी कुछ ऐसा ही किया.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड 19 का अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है जिसको लेकर गरीबों के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के जरिए राहत दी गई. उन्होंने कहा कि सप्लाई में सुधार है पर कंज्यूमर डिमांड पर असर बरकरार है. आज जो प्रस्ताव का एलान किया जा रहा उससे डिमांड को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
कंज्यूमर स्पेंडिंग को बढ़ाने के लिए दो प्रस्ताव हैं. पहला- एलटीसी कॅश बाउचर स्किम, दूसरा- फेस्टिवल स्किम.
केंद्रीय कर्मचारियों को एलटीसी 4 साल में मिलता है एक भारत में जाने के लिए और अपने घर पर जाने के लिए दो बार पर कोविड के चलते 2018 से 2021 तक एलटीसी नहीं ले पा रहे लेकिन 2018-21 के एलटीसी के बदले अब कर्मचारियों को कॅश दिया जाएगा.
अब कर्मचारी रेल या हवाई किराए के 3 गुना के बराबर वैल्यू का गुड्स या सर्विसेस ख़रीद सकते है. लीव एनहैंसमेंट के एक गुना के बराबर गुड्स या सर्विसेस खरीद सकेंगे.
पूंजीगत व्यय का बहुत ज्यादा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है. जीडीपी बढ़ाने में मदद मिलती है. राज्यों को 50 साल के लिए 12000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज पूंजीगत व्यय ( Capital Expenditure ) के लिए दिया जाएगा.
2500 करोड़ रुपये नार्थ ईस्ट (1600 करोड़ रुपये) और उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश (900 करोड़ रुपये) 7500 करोड़ रुपये दूसरे राज्यों को वित्त आयोग के मुताबिक हर राज्य के लिए तय शेयर के मुताबिक होगा.
उन्होंने कहा, 31 मार्च 2021 से पहले खर्च करना होगा पूंजीगत व्यय पर नए और चालू प्रोजेक्ट्स पर साथ ही 31 मार्च 2021 के पहले ये खरीद करना होगा. पैसे वहां खर्च करने जिस वस्तु पर 12 फीसदी या उससे अधिक जीएसटी लगता है. जीएसटी रजिस्टर्ड वेंडर के जरिये.
केंद्रीय कर्मचारि यदि इस स्कीम को अपनाते हैं तो 5675 करोड़ खर्च होंगे. सरकारी बैंक और पीएसयू के कर्मचारियों पर 1900 करोड़ रुपये खर्च होंगे. टैक्स कॉन्सेसशन भी दिया जायेगा राजय सरकार और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों अगर वे केंद्र की दिशा निर्देश मानते हैं.
19000 करोड़ रुपये के बराबर डिमांड बढ़ाने में मदद मिलेगी. राज्य सरकार के कर्मचरियों के जरिये 9000 करोड़ रुपये के कंज्यूमर स्पेंडिंग बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही कुल 28000 करोड़ रुपये के बराबर डिमांड बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा.