तिरुवनंतपुरम: सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर 5 नवंबर को एक दिन की पूजा के लिए खुलने के लिए तैयार है। इसे देखते हुए पंबा और अन्य इलाकों में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के उद्देश्य से कल रात से 144 धारा लगाने का फैसला किया गया है। यह निषेधाज्ञा मंगलवार तक जारी रहेगी। सबरीमला मंदिर में 10-50 आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ पिछले महीने हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में शनिवार की रात से ही मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी जाएगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पंबा, नीलक्कल और इलुवांगल में चार या इससे अधिक लोगों के जुटने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पांच दिन तक चलने वाली पूजा के लिए खोला गया था मंदिर
मंदिर को 17-22 अक्टूबर तक पांच दिन तक चलने वाली मासिक पूजा के लिए खोला गया था। उस दौरान प्रतिबंधित आयु वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ श्रद्धालुओं और अन्य संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। कम से कम एक दर्जन युवा महिलाओं ने मंदिर में जाने का असफल प्रयास किया था, लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। पुलिस के मुताबिक हिंसक विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ 543 मामले दर्ज किए गए और गुरुवार तक 3,701 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले पिछले महीने भगवान अयप्पा मंदिर में दर्शन के लिए पहाड़ी पर चढ़ाई करने वाले एक वृद्ध श्रद्धालु का शव मिलने के बाद भाजपा ने शुक्रवार को पथनामथिता में प्रदर्शन किया।
भाजपा ने लगाया है आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया है कि सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद पिछले महीने श्रद्धालुओं के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई में शिवदासन (60) की मृत्यु हो गई थी। यद्यपि पुलिस ने कहा कि वह एक दुर्घटना थी। पुलिस ने कहा कि शिवदासन का शव गुरुवार को एक वनक्षेत्र से मिला था। पुलिस ने कहा कि शिवदासन 18 अक्टूबर को मंदिर में दर्शन करने के लिए आए थे और अगले दिन वापस लौटने से पहले उन्होंने अपने परिवार से बातचीत की। उसके बाद वह घर नहीं पहुंचे। इसके बाद उनके बेटे ने 21 अक्टूबर को पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी।
दुर्घटना में हुई थी श्रद्धालु की मृत्य
इस बीच, भाजपा के प्रदर्शन को ‘अनावश्यक’ बताते हुए देवस्वम मंत्री के सुरेंद्रन ने कहा कि यह केवल लोगों की परेशानी बढ़ाने के लिए है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मृतक के परिवार ने भी यह आरोप नहीं लगाया है कि इसमें कोई साजिश है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह उल्लेख करते हुए कि पुलिस के खिलाफ ‘दुष्प्रचार’ जारी है, कहा कि श्रद्धालु की मृत्यु एक दुर्घटना में हुई थी।