नई दिल्ली(एजेंसी): राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का अगला कदम क्या होगा, अब सबकी नजर इसी पर टिकी है. पायलट ने ये साफ कर दिया है कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. उनका कहना है कि कुछ नेताओं ने गलत अफवाहें फैलाई, ऐसा कुछ नहीं होगा.
पायलट ने कहा, राजस्थान में कांग्रेस की वापसी के लिए मैंने बहुत मेहनत की है. राजस्थान में कुछ नेताओं ने अटकलों को हवा देने की कोशिश की कि मैं बीजेपी में शामिल हो रहा हूं लेकिन मैं ऐसा नहीं कर रहा हूं.
सचिन पायलट आज प्रेस काफ्रेंस कर अपनी रणनीति का खुलासा कर सकते हैं. ऐसे में देखना होगा कि आगे किस दिशा में वे अपना कदम बढ़ाते हैं. स्पीकर की तरफ से पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस भेजा गया है और 17 जुलाई तक अपना रुख साफ करने को कहा गया है. फिलहाल सचिन अपने वकीलों से बातचीत कर रहे हैं. विधायकों को विधानसभा सदस्यता रद्द करने का नोटिस भेजा गया है. सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट नई पार्टी भी बना सकते हैं.
पायलट को पद से हटाए जाने के तुरंत बाद एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया ने भी मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया. पूनिया ने कहा कि युवक कांग्रेस, राष्ट्रीय भारतीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और सेवा दल में विभिन्न पदों पर रहे लगभग 400 से 500 सदस्यों ने ताजा घटनाक्रम के विरोध में इस्तीफा दे दिया है. इस बीच, पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक में 50 से ज्यादा कांग्रेसजनों ने भी अपने नेता पर कार्रवाई के खिलाफ इस्तीफा दे दिया है. पाली जिला कांग्रेस अध्यक्ष चुन्नीलाल चादवास ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
दरअसल, कांग्रेस ने मंगलवार को सचिन पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख पद से हटा दिया. साथ ही उनके वफादार विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी राज्य कैबिनेट से हटा दिया. पायलट पर कार्रवाई के खिलाफ राज्य के गुर्जर समुदाय बहुल कई इलाकों में प्रदर्शन किए जाने की भी खबरें आ रही हैं. गुर्जर बहुल दौसा, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर और भरतपुर में किसी अप्रिय घटना को टालने के लिए हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है.