शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने और वर्कआउट के लिए जरूर अपनाएं ये आसान टिप्स

नई दिल्ली(एजेंसी): पूरी दुनिया के साथ ही भारत में भी डायबिटीज गंभीर बीमारियों में से एक बन गया है. डायबिटीज के मरीजों को खान-पान के साथ ही अपने वजन को नियंत्रण में रखने पर ध्यान देना जरुरी है. डायबिटीज से लड़ने के लिए स्वस्थ शुगर लेवल का होना बेहद जरूरी है. शुगर लेवल शरीर में बिगड़ता है तो उससे किडनी, हृदय और आंखे भी प्रभावित होती हैं.

कोरोना काल में डायबिटीज जैसी बीमारी काफी घातक साबित हो रही है. डायबिटीज के कारण 40 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों के साथ ही 10 साल के बच्चे भी ग्रस्त हो रहे हैं. डायबिटीज गंभीर तब हो जाती है जब इसे नजरअंदाज कर दिया जाए लेकिन इस बीमारी से लड़कर इसे कमजोर किया जा सकता है.

डायबिटीज के दौरान अपने शरीर और वजन पर ध्यान नहीं देना गंभीर स्वास्थ्य कारणों को पैदा कर सकता है. भारत को मोटे तौर पर दुनिया की डायबिटीज राजधानी माना जाता है. डायबिटीज की स्थिति में वजन बढ़ना और मोटापा आम मुद्दे हैं. हालांकि अपने वजन को कम करके और मोटापे को नियंत्रित करके डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है. डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के चार आसान टिप्स यहां आपको बता रहे हैं.

डायबिटीज से लड़ने वालों के लिए अपने ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रण में रखना किसी संघर्ष से कम नहीं है. कुछ लोगों को हाइपोग्लाइसीमिया से बचाने के लिए छोटी या लंबी अवधि की दवा लेने की भी सलाह दी जाती है. दिन के दौरान अपनी कसरत को समय पर करने से कुछ खतरों को दूर करने में मदद मिल सकती है. व्यायाम के दौरान ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ने से रोका जा सकता है.

एक स्टडी से यह भी पता चला है कि दिन में किसी भी समय व्यायाम करना, या फिर भोजन के बाद डायबिटीज के रोगियों के लिए इसे खाली पेट करने से बेहतर हो सकता है. इससे ब्लड शुगर को बढ़ने से रोका जा सकता है. स्टडी के अनुसार बताया गया है कि डायबिटीज के रोगी को अपने व्यायाम के लिए समय निर्धारित करना जरूरी है.

जिस तरह आपके वर्कआउट का समय निर्धारित होना जरूरी है, उसी तरह प्री- पोस्ट वर्कआउट स्नैक्स (या ड्रिंक्स) डायबिटीज के मरीजों के लिए भी उतना ही जरूरी है. आपको पता होना चाहिए कि विभिन्न व्यायाम आपके ब्लड शुगर की रीडिंग को एक अलग तरीके से प्रभावित कर सकती हैं. इसलिए, वर्कआउट से पहले या बाद में अपने खानपान पर जरूरी ध्यान देना चाहिए. कुछ नट्स और बीजों को पोस्ट-वर्कआउट के रूप में भी लिया जा सकता है, जो इन विटल्स को नियंत्रण में रखने में मदद करेंगे. वर्कआउट पर जाने से पहले हमेशा अपने साथ स्नैक का ध्यान रखें.

डायबिटीज से लड़ने और वजन को नियंत्रित करने के दौरान अपने वर्कआउट प्लान पर काम जरूर करें. इसमें उन वर्कआउट का शामिल करें जिन्हें अपनी क्षमता के अमुसार कर सकते हों. एक प्रभावी वर्कआउट प्लान के लिए अगला कदम यह तय करना है कि आपके लिए कौन सा कसरत सबसे अच्छा काम करता है. डायबिटीज के रोगियों को मध्यम से तीव्र वर्कआउट करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. शुरुआत में, आप ब्रिस्क वॉक या जॉगिंग के लिए भी जा सकते हैं. वजन प्रशिक्षण, योग, तैराकी और साइकिल चलाने के लिए अच्छे वर्कआउट विकल्पों पर विचार कर सकते हैं.

डायबिटीज के दौरान पैर पर लगा मामूली कट और खून बहना महंगा साबित हो सकता है. यह शरीर के ब्लड प्रेशर को भी प्रभावित कर सकता है.पैर में हो रहा दर्द भी डायबिटीज के रोगियों के ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि का कारण बन सकता है. इससे बचने के लिए हमेशा ऐसे फुटवियर पहनना सुनिश्चित करें जो आरामदायक हों. इन फुटवियर में आपके पैर पर कोई प्रेशर ना पड़े, इसमें किसी भी तरह आपके पैर संकुचित ना रहें.

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