नई दिल्ली (एजेंसी)। लोकसभा चुनाव 2019 में जनता किस पार्टी को चुनेगी और केंद्र में किसकी सरकार बनेगी, इसका इंतजार पूरे देश को है। यह इंतजार 23 मई को खत्म हो जाएगा जब चुनाव आयोग वोटों की गिनती करेगा और नतीजे घोषित करेगा। लेकिन मतगणना के दिन भी फाइनल नतीजों के लिए और ज्यादा प्रतीक्षा करना पड़ेगी।
चुनाव आयोग ने बताया है कि देशभर की लोकसभा सीटों पर हुए मतदान के जो नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे उनमें थोड़ा ज्यादा वक्त लग सकता है। इसकी बड़ी वजह ये है कि ईवीएम के वोटों से वीवीपैट का मिलान किया जाना है, जिसमें थोड़ा ज्यादा वक्त लगेगा।
उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने मीडिया से बातचीत में इसकी पुष्टि की। सुदीप जैन ने बताया कि इस बार चुनावी नतीजों में कुछ देरी हो सकती है। उनके मुताबिक, ये नतीजे इस बार 4-5 घंटे देरी से आ सकते हैं। सुदीप जैन ने बताया कि ईवीएम और वीवीपैट के वोटों का मिलान होने के चलते ये देरी हो सकती है।
बता दें कि मौजूदा लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों का भी इस्तेमाल किया गया है। जिससे वोट डालने पर पर्ची भी निकली है। ऐसे में जब 23 मई को वोटों की गिनती की जाएगी तो ईवीएम में पड़े वोटों से पर्चियों का मिलान भी किया जाएगा। ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम के साथ वीवीपैट लगाने का फैसला किया था।
बता दें कि पहले हर सीट पर एक ईवीएम के साथ एक वीवीपैट लगाई जाती थी, जिसे विपक्ष की मांग के बाद बढ़ाकर हर विधानसभा में 5 दिया गया। हालांकि, विपक्षी दल अब भी वीवीपैट बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगाई है कि ईवीएम के साथ पचास फीसदी वीवीपैट लगाई जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को ही विपक्ष की इस मांग को ठुकराया है, जिसके बाद विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग का रुख किया है।
बहरहाल, पांच चरणों का मतदान पूरा हो चुका है। अब दो चरण और बाकी हैं। ऐसे में मौजूदा चुनाव के लिहाज से विपक्षी दलों की इस मांग का चुनाव आयोग पर कितना असर होता है, ये चर्चा का विषय है। लेकिन आयोग ने वीवीपैट के चलते नतीजों में देरी होने की बात जरूर मानी है। यानी 23 मई को चुनाव नतीजों का इंतजार करने वाले लोगों को थोड़ा और ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है।