नई दिल्ली(एजेंसी): सीमा पर चीन से चल रही डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज दो दिवसीय दौर पर लद्दाख पहुंचे. इस दौरान रक्षा मंत्री चीन से सटी एलएसी और पाकिस्तान से सटी एलओसी, दोनों के हालत का जायजा लेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे भी मौजूद रहेंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट के जरिए जानकारी देते हुए कहा, ”मैं दो दिवसीय लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर लेह के लिए रवाना हो चुका हूं. मैं सीमाओं पर स्थिति की समीक्षा करने और क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बल के जवानों के साथ बातचीत करने के लिए आगे के क्षेत्रों का दौरा करूंगा.”
लेह पहुंचकर वे लेह स्थित 14 कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह से मुलाकात करेंगे और चीन से चल रही डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के बारे में जानकारी लेंगे. कोर कमांडर उन्हें चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी पर भारतीय सेना की तैयारियों की जानकारी भी देंगे. अपने दो दिन के दौरे पर रक्षा मंत्री फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा कर सैनिकों से मिलकर उनकी हौसला अफजाई भी करेंगे.
अगले दिन यानि शनिवार को रक्षा मंत्री श्रीनगर का दौरा करेंगे और काउंटर-टेरेरिज्म ऑपरेशन्स के साथ साथ पाकिस्तान से सटी एलओसी की सुरक्षा की समीक्षा करेंगे.
आपको बता दें कि रक्षा मंत्री पहले 3 जुलाई को लेह-लद्दाख के दौरे पर आने वाले थे,लेकिन ऐन मौके पर उनका दौरआ रद्द हो गया था. उनकी जगह पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जुलाई को एक दिवसीय मौके पर लेह-लद्दाख पहुंचे थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाख का अचानक दौरा कर चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने में भारत की दृढ़ता का संकेत दिया था. मोदी ने उन जवानों से बातचीत की थी जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने जवानों से कहा कि उनकी बहादुरी आगामी समय में प्रेरणा स्रोत बनेगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इसके साथ ही खबर आई थी कि इस झड़प में चीन के भी करीब 40 जवान हताहत हुए थे. हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर से इनकार कर रहा था. वहीं, भारत ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने सैनिकों की शहादत की खबर को स्वीकार किया था.