प्रमोद हो सकते हैं भाजपा से रायपुर महापौर के प्रत्याशी ?
रायपुर (अविरल समाचार). रायपुर (Raipur) नगर पालिका निगम में भाजपा (BJP) की हार का सिलसिला इस बार भी थमेगा इसके आसार नजर नहीं आ रहे. रायपुर महापौर (Mayor) और सभापति दोनों पद कांग्रेस (Congress) की झोली में जा सकता हैं. भाजपा ने अपने वजीर को उतारा हैं पर उनका रायपुर नगर निगम में रिकार्ड 50-50 हैं. प्रत्याशी तय करने की कसरत में कांग्रेस जरुर आगे रही पर अभी तक एक नाम पर सहमती नहीं बन पाई हैं. भाजपा से प्रमोद हो सकते हैं महापौर प्रत्याशी.
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कांग्रेस, भाजपा के साथ निर्दलीय सभी पार्षद अभी तो पिकनिक का आनंद ले रहे हैं. मगर महापौर को लेकर संशय बरकरार हैं. निगम चुनाव में रिकार्ड मतों से जीतने वाले कांगेस के एजाज ढेबर (Ezaj Dhebar) का नाम अभी भी आगे हैं. मुख्यमंत्री के करीबी होना और निर्दलीय पार्षदों का भी एक स्वर में कहना की केवल एजाज के नाम पर ही समर्थन देंगे. उन्हें नंबर 1 बनाया हुआ है. सभापति पद लेने के वो इच्छुक नहीं बताये जा रहें. विरोधी लगातार उनके पुराने रिकार्ड निकालकर परेशान कर रहे हैं.
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ज्ञानेश शर्मा (Gyanesh Sharma) को प्रभारी मंत्री रविन्द्र चौबे का वरदहस्त हैं. बिलासपुर में उन्होंने कांग्रेस को निर्विरोध जीता कर अपना लोहा मनवाया हैं. सर्वमान्य प्रत्याशी के रूप में उनकी सौम्य छवि और अनुभव उन्हें सफलता के मार्ग पर ले जा सकता हैं.
प्रमोद दुबे (Pramod Dubey)अनुभव, विपक्ष को साधने, प्रशसनिक क्षमता, सभी को साथ लेकर चलने की अपनी अदा के साथ दौड़ में हैं. मगर हाल ही में वायरल हुआ उनका विडियो उन्हें मंजिल पाने से विमुख कर सकता हैं. कुल मिलाकर अंतिम समय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के पाले में ही गेंद जायेगी ये लग रहा हैं. और जो कसौटी उन्होंने राजधनी के महपौर के लिए तय की हैं उसमे किसे कसते हैं देखने वाली बात होगी.
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भाजपा पिछले दो बार से लगातार महापौर के चुनाव में मात खा रही हैं. इस बार भी वो अपने हार के सिलसिले को बरकरार रखती नजर आ रहि हैं. वजीर इस बार भी बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal) ही हैं. हालाकि विधानसभा चुनावो में हर बार उन्होंने पार्टी को जीत का स्वाद चखाया हैं. मगर नगर निगम के चुनाव में उनका रिकार्ड 50-50 हैं. रायपुर में अब तक चार में से दो में जीत और दो हार मिली हैं. पार्षदों की संख्या को यदि आधार माने तो इस बार भी पार्टी को हार ही मिली हैं. वे दावे जरुर कर रहे हैं. मगर वर्तमान गणित कांग्रेस के पक्ष में हैं अंतिम समय में भी फेरबदल हो सकते हैं.
भाजपा से महापौर पद के लिए मृत्युंजय दुबे, सूर्यकांत राठौर और मिनल चौबे के नाम चर्चा में हैं लेकिन अंतिम समय में एक नाम और आगे आ सकता हैं और वो है डॉ. प्रमोद साहू भाजपा जातिगत कार्ड खेलकर उन्हें प्रत्याशी बना सकती हैं. पिछले कार्यकाल में उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्षद का सम्मान मिल चूका हैं. साहू समाज के प्रमोद को मिलाकर कुल 12 पार्षद हैं. जिसमे 7 भाजपा, 4 कांग्रेस और 1 निर्दलीय हैं. वर्तमान में नगर निगम में 34 कांग्रेस, 29 भाजपा और 7 निर्दलीय हैं. निर्दलीय 6 पार्षदों ने मुख्यमंत्री के समक्ष कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही हैं. इसमें एक साहू समाज से गोपेश साहू हैं. यदि 1 निर्दलीय और 4 कांग्रेस के क्रॉस वोटिंग जातिगत आधार पर करते है तो भी भाजपा के पास 34 का ही समर्थन होगा एक निर्दलीय अमर बंसल ने भाजपा को मत दिया तो खेल बदल सकता हैं. मगर इसकी संभावना कम हैं कांग्रेस की सरकार होने से क्रॉस वोटिंग की संभावना जातिगत आधार पर भी कम ही नजर आ रही हैं.
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रायपुर में भाजपा और कांग्रेस के दो दिग्गज बृजमोहन अग्रवाल और रविन्द्र चौबे आमने सामने होंगे दोनों का अनुभव तगड़ा हैं. भाजपा के पास खोने को कुछ नहीं हैं. कांग्रेस जीत के प्रति आश्वस्त हैं. नाम को लेकर खुलासा कांग्रेस अपनी तय रणनीति के तहत अंतिम समय में ही करेगी.
सोमवार सुबह दोनों दलों के पार्षद रायपुर पहुच रहे हैं. 10 बजे निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी. कांग्रेस के पार्षद पहले मुख्यालय राजीव भवन पहुंचेगे जहां पर नाम का खुलासा होगा उसके बाद सभी एक साथ निगम के लिए रवाना होंगे. जहां शपथ के बाद निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी पहले महापौर और उसके बाद सभापति के लिए निर्वाचन होगा.
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