राजीव गांधी फाउंडेशन समेत गांधी परिवार से जुड़े ट्रस्टों की होगी जांच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गठित की समिति

नई दिल्ली(एजेंसी): केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों की जांच के आदेश दिए हैं. इस जांच के लिए मंत्रालय ने एक समिति का गठन भी किया है, जिसके प्रमुख प्रवर्तन निदेशालय के विशेष निदेशक होंगे. यह कमेटी इन ट्रस्टों की तरफ से मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट आयकर उल्लंघन और विदेशी मुद्रा अधिनियम एक्ट के तहत जांच करेगी. इस कमेटी में आयकर विभाग केंद्रीय गृह मंत्रालय की एफसीआरए डिवीजन के अधिकारी और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी शामिल होंगे.

इस मामले में राजीव गांधी फाउंडेशन पर आरोप है कि उसके पास चीन से पैसा आया था. साथ ही अनेक कॉरपोरेट हाउसों ने भी इस ट्रस्ट को पैसा दिया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, गांधी परिवार से जुड़े जिन तीन संस्थाओं की जांच के आदेश दिए गए हैं, उनमें राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के नाम शामिल हैं. मंत्रालय के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि इनमें राजीव गांधी ट्रस्ट के पास साल 2005-06 में चीन से भी पैसा आया था. इसके अलावा इस ट्रस्ट को अनेक कॉर्पोरेट हाउसो की तरफ से भी पैसा दिया गया था.

इसके अलावा केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों ने भी ट्रस्ट को पैसा दिया था, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय का नाम भी शामिल है. इसके साथ ही यह भी आरोप है कि इस ट्रस्ट को भगोड़े मेहुल चोकसी ने भी पैसा दिया था. मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक यह कमेटी इस बात की जांच करेगी कि जो पैसा राजीव गांधी फाउंडेशन में आया उसमें संबंधित सरकारी नियमों का पालन किया गया था या नहीं. दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि जो पैसा ट्रस्ट में आया उसका प्रयोग कब कहां और कैसे किया गया.

सूत्रों कहना है कि जांच के दौरान यदि ट्रस्ट के काम में गड़बड़ियां पाई जाती हैं और इन तीनों ट्रस्ट की तरफ से किसी भी प्रकार का सरकारी उल्लंघन पाया जाता है तो संबंधित विभाग इनके खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर सकते हैं. ध्यान रहे कि राजीव गांधी फाउंडेशन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा प्रियंका वाड्रा राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम समेत अनेक प्रभावशाली लोग शामिल है. इस मामले में बीजेपी लगातार कांग्रेस पर कड़े प्रहार कर रही है, जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं.

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