रकुल प्रीत की मीडिया कवरेज पर रोक की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को भेजा नोटिस

नई दिल्ली(एजेंसी): सुशांत सिंह राजपूत केस में नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने ड्रग्स एंगल से रकुल प्रीत सिंह से पूछताछ की थी. रकुल ने दिल्ली हाईकोर्ट से उनके मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग की थी. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने रकुल प्रीत की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. कोर्ट ने ये भी कहा कि बिना मीडिया संस्थानों को सुने रिपोर्टिंग पर रोक का एकतरफा आदेश नहीं दिया जा सकता.

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आप भी इस पर निगरानी कर रहे होंगे. केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि यहां केंद्र सरकार इस मामले को देख रही है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले पर अपना जवाब कोर्ट में दें. केंद्र सरकार ने कहा अगर इस मामले में कोर्ट कोई आदेश देती है तो उसे जांच एजेंसी की जांच भी प्रभावित हो सकती है.

कोर्ट ने कहा है कि जांच एजेंसी कॉपी जांच करने से कोई नहीं रोक रहा लेकिन अगर किसी भी तरह से याचिकाकर्ता की छवि को नुकसान पहुंच रहा है गलत रिपोर्टिंग की वजह से तो सरकार उसको भी ध्यान में रखे. कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय समेत अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने को कहा.

रकुल प्रीत के वकील की दलील है कि इस मामले में जिस तरीके से रकुल प्रीत का नाम घसीटा जा रहा है वह गलत है और उस पर रोक लगनी चाहिए. रकुल प्रीत को तो समन मिला भी नहीं था और मीडिया ने चलाना शुरु कर दिया था किसे समन मिल गया. जिस तरीके से रकुल को लेकर मीडिया में खबर चली है उससे उनके अधिकारों का भी हनन हो रहा है. क्योंकि इससे उनकी छवि भी खराब हो रही जबकि अभी तक उनके खिलाफ कुछ भी पुख्ता साबित नहीं हुआ.

कोर्ट ने कहा कि अगर आपको शिकायत है तो आप उन लोगों का नाम भी अपनी याचिका में जिक्र कीजिए जिनसे आपको दिक्कत हो रही है. रकुल प्रीत का कहना है कि मीडिया में ऐसा दिखाया गया कि रकुल प्रीत ने करण जौहर का नाम लिया जबकि यह सच नहीं है. सुनवाई के दौरान रकुल प्रीत के वकील ने रिपब्लिक की एक रिपोर्ट का भी जिक्र किया. जिसमें ड्रग की होम डिलीवरी की बात कही गई थी..

रकुल प्रीत के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट से मांग की कि वह इस तरीके का निर्देश दें कि जांच एजेंसी जो जांच कर रही है उसके बारे में तब तक कोई जानकारी सीधे तौर पर मीडिया में ना दिखाई जाए जब तक वह जांच लंबित है.
सुनवाई के दौरान एनबीए के वकील ने भी कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा. एनबीए की तरफ से कहा गया हम लगातार जो चैनल हम से संबंधित हैं उनको लेकर बैठक कर रहे हैं.

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