लखनऊ (एजेंसी). लखनऊ के घंटाघर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बाद सोमवार को गोमती नगर के गंज शहीदा कब्रिस्तान के निकट दरगाह परिसर में भी प्रदर्शन शुरू हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस व अफसर मौके पर पहुंचे। देर रात टेंट वालों ने शामियाना उतार दिया तो महिलाओं ने इसके लिए पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। महिलाओं ने पुलिस द्वारा बदसलूकी करने के आरोप भी लगाए। हुसैनाबाद स्थित घंटाघर पर चल रहा महिलाओं का प्रदर्शन सोमवार को और तेज हो गया। यहां प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई। विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए सोमवार को साझी दुनिया की अध्यक्ष व लविवि की पूर्व कुलपति डॉ. रूप रेखा वर्मा भी पहुंचीं। एडवा की मधु गर्ग ने भी कई महिलाओं के साथ प्रदर्शन में हिस्सेदारी की।
उन्होंने धारा 144 लगाने को गलत बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि लोकतंत्र में विरोध करना संवैधानिक अधिकार है। सरकारें इसका दुरुपयोग कर रही हैं। मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पांडेय, पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता वीना राना, उरूशा राना, सदफ जाफर, नाईश हसन, आदियोग, अब्दुल नसीर नासिर भी प्रदर्शकारियों का समर्थन करने पहुंचे। वहीं वजीरबाग के दिव्यांग दंपती मो. वसीम व उनकी पत्नी तरन्नुम वसीम अब्बास भी डटे रहे। कौसर, शबी फातिमा के साथ महिलाएं विरोध को पहुंचीं। महिलाओं के बुलंद हौसले 18 डिग्री तापमान में कम नहीं हुए। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाएं कड़ाके की ठंड में रात-रातभर डटी हुई हैं। मोमबत्ती जलाकर नारेबाजी की।