एटा (एजेंसी). फर्जी अंक पत्रों के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. 2004-05 में आगरा विश्वविद्यालय से जारी की गई डिग्रियां एसआईटी की जांच में फर्जी निकली हैं. जिसके बाद एटा जनपद में 116 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है. दरअसल उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में फर्जी शिक्षकों को लेकर जांच चल रही थी. इस जांच में प्रदेश भर में लगभग 4000 शिक्षक फर्जी अंक पत्रों के माध्यम से नौकरी करते हुए मिले.
एटा जनपद में भी 120 शिक्षक एसआईटी की जांच में फर्जी अंक पत्रों के सहारे नौकरी करते हुए मिले. जिसमें से 4 लोग हाईकोर्ट चले गए और कार्रवाई के खिलाफ स्टे लेकर आए. जबकि अन्य 116 शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी जांच में गड़बड़ी पाई गई. इसको लेकर एसआईटी ने अपनी जांच पूर्ण कर एटा जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंप दी थी. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी शिक्षकों को नोटिस देते हुए जवाब मांगा था. अब बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह ने फर्जी अंक पत्रों के सहारे नौकरी कर रहे सभी शिक्षकों को बर्खास्तगी के आदेश दिए हैं.
इतना ही नहीं बीएसए ने सभी शिक्षकों से वेतन वसूली के भी आदेश दिए हैं. बेसिक शिक्षा विभाग में इस कार्रवाई से खलबली मची हुई है. बीएसए संजय सिंह ने बताया कि 2016-17 से ही इस मामले में जांच चल रही थी. इस जांच में एटा जिले के 120 शिक्षकों की डिग्री फर्जी पाई गई थी. जिसके बाद 116 शिक्षकों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है. इसमें से 85 शिक्षकों के अंक पत्र फर्जी पाए गए थे. जो शेष बचे हैं उनके अंक पत्र में टेम्परिंग पाई गई है. यानी जो अंक मिले थे उनमें हेर-फेर किया गया. इसके अलावा चार लोग ऐसे थे, जिसमें से एक ने आरटीआई से सूचना मांगी थी, जिसके जवाब में कहा गया था कि उसका नाम गलती से चला गया. जिस पर एसआईटी से जानकारी मांगी गई है. इसके अलावा तीन लोग ऐसे हैं जो हाईकोर्ट से स्टे लेकर आए हैं.