लखनऊ (एजेंसी). उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में 20 दिसंबर के उपद्रव में पुलिस प्रशासन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाने वाले अनीस उर्फ खलीफा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपी अनीस ने सनसनीखेज खुलासा किया कि 1987 के दंगे में पुलिस ने उसके भाई रईस की हत्या कर दी थी। जिसका बदला लेने के लिये वह पीएफआई से जुड़ा था। उस दिन हिंसा होते ही उसने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं। पुलिस ने आरोपी से पिस्टल और तमंचा बरामद किया है।
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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 20 दिसंबर को लिसाड़ीगेट व हापुड़ रोड पर जमकर उपद्रव हुआ था। जिसमें पुलिस प्रशासन पर पथराव और गोलियां चलाने उपद्रवियों की सीसीटीवी फुटेज से पहचान होनी शुरू हुई थी।
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जिसमें गोली चलाते मिले अनीस उर्फ खलीफा व नईम पर एसएसपी ने 20-20 हजार रुपये का इनाम रखा था। पुलिस ने नौ जनवरी को अनस को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद अनीस उर्फ खलीफा की गिरफ्तारी के लिए इंस्पेक्टर लिसाड़ीगेट प्रशांत कपिल को लगाया था। मुखबिर की सटीक सूचना पर इंस्पेक्टर ने खलीफा को गिरफ्तार कर लिया।
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अयोध्या प्रकरण में फैसला आने के बाद खलीफा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़ गया था। पीएफआई के लोग लिसाड़ीगेट में घर-घर जाकर लोगों को उकसा रहे थे। सीएए लागू होने का विरोध करते हुए लोगों को भड़काया गया।
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