महाराष्ट्र : 169 विधायकों के समर्थन से उद्धव ठाकरे सरकार ने पास किया फ्लोर टेस्ट

मुंबई (एजेंसी). महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया. उद्धव ठाकरे सरकार को 169 विधायकों का समर्थन मिला. महाराष्ट्र में बहुमत का आंकड़ा 145 है. बता दें कि एमएनएस ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो सरकार के पक्ष में वोट नहीं करेगी. गठबंधन की ओर से कांग्रेस नेता अशोक च्वहाण, एनीसीप नेता नवाब मलिक और शिवसेना नेता एक नाथ शिंदे ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया.

बहुमत परीक्षण से पहले ही बीजेपी ने नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए बीजेपी ने इसका बहिष्कार करते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया. बीजेपी ने राज्यपाल की ओर से नियक्त किए गए प्रोटेम स्पीकर बदलने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि स्पीकर चुने जाने के बिना फ्लोर टेस्ट करवाना नियमों के खिलाफ है. विरोधी दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शपथ ग्रहण से लेकर विधानसभा की कार्यवाही तक नियमों का उल्लंधन किया. हम राज्यपाल से मिलकर इस पूरी प्रक्रिया की शिकायत करेंगे.

नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सदन से बाहर आने के बाद कहा, “विधानसभा की आज पूरी कार्यवाही नियमों के अनुरूप नहीं थी. मूलरूप से इस सत्र को बुलाने के लिए एक नया समन जारी होना चाहिए था. पिछला सदन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रगान के साथ खत्म हुआ, उस सत्र को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. लेकिन संविधान को ताक पर रखकर नया सत्र बुलाने के बजाए उसी अधिवेशन को जारी रखा गया.”

उन्होंने कहा, “संविधान में बताया गया कि मंत्रियों को किस तरह से शपथ लेनी चाहिए. राज्यपाल के ‘मैं’ कहने के बाद जो नमूना है उसी हिसाब से शपथ लेनी चाहिए. एक शब्द भी गलत होने के बाद शपथ सही नहीं मानी जाती. लेकिन शपथ ग्रहण के दौरान सभी मंत्रियों ने अलग अलग नेताओं के नाम लिए. इसी वजह से शपथ संविधान के मुताबिक नहीं है, इसलिए ऐसे मंत्रियों का परिचय कराना गलत है.”

फडणवीस ने कहा, “संविधान को ताकपर रखकर प्रोटेम स्पीकर को हटाया गया. लेकिन मनमानी करनी थी इसलिए प्रोटेम स्पीकर को हटाया गया. हमने इसका भी विरोध किया है. महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण स्पीकर के चुनाव के बाद ही होता है. लेकिन स्पीकर का चुनाव सीक्रेट बैलेट से होता है, इसलिए उसमें पता था कि उनका स्पीकर चुनकर नहीं आएगा. इसलिए संविधान को ताकपर रखकर स्पीकर का चुनाव किए बिना बहुमत परीक्षण करवाया गया.” उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल के पास चिट्ठी लेकर जाएंगे और इसकी शिकायत करेंगे.

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