महाभारत : कृष्ण के दर्शन के बिना नहीं शुरू होती थी शूटिंग, युधिष्ठिर बने गजेंद्र को पड़ने वाला था चांटा

नई दिल्ली(एजेंसी): इन दिनों टीवी पर बी आर चोपड़ा की महाभारत फिर से दिखाई जा रही है. जिनता बड़ा ये सीरियल है उतने ही कमाल के इस सीरियल के बनने के किस्से हैं. बी.आर चोपड़ा साहब बहुत बड़े फिल्ममेकर थे. उन्होंने पहले सोचा कि महाभारत पर फिल्म बनाएं लेकिन तीन घंटे में महाभारत समेट नहीं पाते इसलिए उन्होंने सीरियल बनाया.

डॉक्टर मासूम रजा को इसकी स्क्रिप्ट लिखने की जिम्मेदारी दी गई. कई लोगों ने कहा कि भई वो तो मुस्लिम हैं कैसे न्याय कर पाएंगे लेकिन उन्होंने खूबसूरत स्क्रिप्ट लिखी. शकुनि मामा को महाभारत के किरदारों को सेलेक्ट करने का जिम्मा दिया गया.

ये पढ़कर आप शायद हैरान होंगे कि शकुनि मामा ऐसा क्यों करेंगे. दरअसल, शकुनि मामा का किरदार गूफी पेंटल ने निभाया था जो मशहूर कॉमेडियन पेंटल के भाई थे और वो महाभारत के कास्टिंग डायरेक्टर थे. उनपर जिम्मा था सारे कलाकारों को चुनने का और उन्होंने महाभारत की कास्टिंग की.

महाभारत के किरदारों ने लोगों पर जबरदस्त असर डाला. एक बार युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान के घर की बेल बजी.उन्होंने दरवाजा खोला.सामने एक शख्स थे बोले कि मेरे पिताजी बाहर एंबुलेंस में हैं.बहुत बीमार हैं आप उनके सिर पर हाथ रख देंगे भगवान उनके सिर पर हाथ रख देंगे धर्मराज युधिष्टिर उनके सिर पर हाथ रख देंगे तो शायद वो ठीक हो जाएं गजेंद्र चौहान हैरान हो गए और बोले कि भई मैं भगवान नहीं हूं गजेंद्र चौहान ने कहा कि मैंने सिर्फ युधिष्ठिर का किरदार निभाया है लेकिन वो शख्स माना ही नहीं अब गजेंद्र चौहान भी क्या करते उन्होंने कहा कि चलो कोई बात नहीं अगर कोई बीमार है और मेरे हाथ रख देने भर से अगर उसको संतुष्टि मिलती है तो कोई बात नहीं उन्होंने हाथ रखा वो शख्स कुछ दिन बाद ठीक भी हो गए और ताउम्र गजेंद्र चौहान का एहसान मानते रहे.

ऐसे ही एक बार कृष्ण का किरदार निभाने वाले नीतीश भारद्वाज साथ हुआ. एक दिन वो सेट पर मौजूद नहीं थे उस दिन उनका कोई सीन नहीं था लेकिन वहां मौजूद लोगों ने हंगामा कर दिया कि जब तक प्रभु श्रीकृष्ण दर्शन नहीं देंगे, शूटिंग नहीं होगी तो बी.आर चोपड़ा को मजबूरी में नीतीश भारद्वाज को बुलाना पड़ा. उन्हें कृष्ण के गेटअप में तैयार करवाया गया प्रभु ने दर्शन दिए और तब जाकर लोगों ने शूटिंग की इजाजत दी.

महाभारत के किरदारों को लोगों का प्यार ही नहीं उनका गुस्सा भी झेलना पड़ा एक बार फ्लाइट में युधिष्ठिर यानि गजेंद्र चौहान को एक बुजुर्ग महिला मिली और बोली मैं तुम्हें थप्पड़ मार दूंगी. गजेंद्र चौहान ने कहा कि अरे माताजी मैंने क्या किया ऐसा कि आप थप्पड़ मार देंगी. मैंने तो आपसे कोई बात तक नहीं की तो उस महिला ने कहा तुमने द्रौपदी को दांव पर क्यों लगाया. सोचिए किस हद तक लोग इस सीरियल से जुड़े हुए थे.

एक बार दुर्योधन, द्रौपदी और अर्जुन का किरदार निभाने वाले कलाकार एक मारवाड़ी शख्स के यहां खाने पर गए. अर्जुन और द्रौपदी को तो खाना परोसा जा रहा था लेकिन दुर्योधन को कोई पूछा ही नहीं रहा था तो दुर्योधन ने कहा कि भई मुझे भी खाना दीजिए. दुर्योधन का ये कहना था कि एक बुजुर्ग महिला जो थी उस घर की एक दम भड़क गई बोली चुप रहो तुमने पांडवों के साथ इतना बुरा किया और तुम उम्मीद करते हो कि हम तुम्हें खाना देंगे.

दर्शक महाभारत के किरदारों से बहुत ज्यादा जुड़े हुए थे,हुआ ये कि महाभारत का जो आखिरी युद्ध है .वो सीन शूट हो रहा था जयपुर के पास तभी एक महिला पुनीत इस्सर के पास आईं जो दुर्योधन का किरदार निभा रहे थे और उनसे कहा कि राजा जी. गुस्सा थूक दो..पांडवों को पांच गांव दे दो ना. महाभारत के युद्ध का सीन भी काफी मुश्किल से शूट हो पाया था..हुआ ये कि इस सीन की शूटिंग के लिए एक बड़ा सा मैदान चाहिए था लेकिन दिक्कत ये थी कि बी.आर चोपड़ा का ऐसा मैदान चाहिए था जहां बिजली के खंभे ना हों क्योंकि महाभारत के दौर में बिजली तो होती नहीं थी काफी ढूंढने के बाद उन्हें जयपुर के पास जाकर ऐसा मैदान मिला.

अब वहां बिजली के खंभे तो नहीं थे लेकिन एक दिक्कत ये थी कि इतनी सारी सेना चाहिए..वो कहां से आती तो आसपास के गांव के लोगों को ही भर्ती कर लिया गया सैनिक बनाकर और युद्ध के सीन को शूट किया गया . महाभारत के शकुनि मामा यानि गूफी पेंटल ने महाभारत के सारे किरदारों की कास्टिंग की लेकिन शकुनि मामा उन्हें मिल नहीं रहे थे .बहुत सारे कलाकारों का ऑडिशन लिया जब उन्हें कोई पसंद नहीं आया तो एक दिन चोपड़ा साहब से बोले कि चोपड़ा साहब मुझे शकुनि मामा के रोल के लिए कोई मिल नहीं रहा तो आप कहें तो मैं ही शूट कर दूं चोपड़ा साहब ने कहा कि क्यों नहीं और इस तरह से गूफी पेंटल बन गए शकुनि मामा.

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