नई दिल्ली (एजेंसी)। अयोध्या मामले में मध्यस्थता कमेटी बंद कर सुनवाई शुरू करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि हम मध्यस्थता कमेटी से अभी तक की रिपोर्ट मांगेगे। अगर कमेटी मध्यस्थता बंद करने के पक्ष में होगी तो 25 जुलाई से सुनवाई होगी। बता दें कि इस मामले में पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी कि मध्यस्थता कमेटी से कोई हल नहीं निकल सकता कोर्ट खुद इस मामले में सुनवाई कर जल्द फैसला दे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि हम मध्यस्थता में हुई तरक्की की रिपोर्ट देखेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेंगे। सीजेआई ने फैसला सुनाते हुए कहा, “अनुवाद से जुड़ा कुछ काम बाकी रहने के चलते हमने समय के सदुपयोग के लिए मध्यस्थता कमिटी बनाई। ताकि बातचीत से हल निकले, कमिटी को 8 हफ्ते दिए। मार्च में मामला मध्यस्थता के लिए भेजा। 7 मई को कमिटी के अध्यक्ष जस्टिस कलीफुल्ला ने रिपोर्ट सौंपी। समय बढाने की मांग की। हमने 15 अगस्त तक समय दिया।”
फैसले में आगे कहा गया, “अब एक अर्ज़ी आई है जिसमें मध्यस्थता बंद कर सुनवाई की मांग की गई है। हमने अर्ज़ी को पढ़ा है। हम ये उचित समझते हैं कि जस्टिस कलीफुल्ला से मध्यस्थता में हुई तरक्की की जानकारी मांगे। वो अगले गुरुवार तक रिपोर्ट दें। हम रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेंगे। अगर कमिटी मध्यस्थता बंद करने के पक्ष में होगी तो 25 जुलाई से सुनवाई होगी।”
कोर्ट में सुनवाई के दौरान गोपाल सिंह विशारद के वकील ने कहा कि मामला लंबे समय से लंबित है। जल्द सुनवाई हो, हमने जनवरी 1950 में मुकदमा दायर किया था। पक्षकार की मौत हो गयी, अब बेटा लड़ रहा है। वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि कमिटी के काम की निंदा करना सही नहीं। उन्होंने कहा कि एक पक्ष मध्यस्थता से संतुष्ट नहीं। इससे प्रक्रिया बंद नहीं की जा सकती। बाकी पक्ष गंभीरता से हिस्सा ले रहे हैं।