नई दिल्ली (एजेंसी)। अमेरिका के हेवीलिफ्ट चिनूक सीएच-47 हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना के बेड़े में आज शामिल हो जाएगा। वायु सेना के बेड़े में चिनूक हेलीकॉप्टर के शामिल होने के बाद इसकी ताकत और बढ़ जाएगी। इसके लिए चंडीगढ़ एयरबेस पर एक इंडक्शन समारोह का आयोजन किया गया है। इस समारोह में वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ भी शामिल हुए।
इंडक्शन समारोह में कुल 4 चिनूक हेलीकॉप्टर शामिल किए जाएंगे। यह हेलीकॉप्टर चंडीगढ़ की 126 एयचू यूनिट की ‘द फीदर वेट्स’ स्कॉवड्रन का हिस्सा बनेगा। साल 2015 में भारत ने अमेरिका के साथ कुल 15 चिनूक हेलीकॉप्टर्स का सौदा किया था।
चिनूक के रख-रखाव के लिए चंडीगढ़ हवाईअड्डा को विशेष तौर पर तैयार किया गया है। चंडीगढ़ एक सैन्य हवाईअड्डा है जहां से व्यावसायिक उड़ानें भी संचालित होती हैं। चंडीगढ़ के अलावा असम में भी चिनूक हेलीकॉप्टर को रखा जाएगा।
क्या है खासियत:
इसमें एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम है। इस हेलिकॉप्टर में एक बार में गोला बारूद, हथियार के अलावा सैनिक भी जा सकते हैं। इसे रडार से पकड़ पाना मुश्किल है। यह भारी मशीनों, तोपों को उठाकर ले जा सकता है। 20000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। यह 10 टन तक के वजन को उठाकर कहीं भी ले जा सकता है। यह 280 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। इसकी ऊंचाई 18 फीट और चौड़ाई 16 फीट है। चिनूक सीएच-47 हेलीकॉप्टर राहत और बचाव अभियानों में मददगार साबित होगा। दुनिया के 26 देशों में इसका इस्तेमाल किया जाता है और इन देशों में अब भारत भी जुड़ गया है।