बिहार : मोदी मैजिक में महागठबंधन छूमंतर, लालू के बिना कोई सीट नहीं जीत पायी आरजेडी

नई दिल्ली (एजेंसी)। बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंधी ऐसी चली कि 6 पार्टियों का महागठबंधन हवा हो गया और एनडीए ने 40 में से 39 सीटें जीत कर इतिहास रच दिया। आरजेडी, कांग्रेस, रालोसपा, हम, वीआईपी और सीपीआईएम के गठबंधन को केवल एक सीट, किशनगंज से संतोष करना पड़ा। सन 1997 में आरजेडी की स्थापना के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब लालू प्रसाद यादव की पार्टी लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल सकी।

मोदी मैजिक और नीतीश के काम का ऐसा घोल तैयार हुआ कि एनडीए की झोली में 40 में से 39 आ गिरीं। किशनगंज कांग्रेस ने जीती। प्रदेश में इस तरह के रिजल्ट आपातकाल विरोधी लहर और 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उपजी सहानूभूति की लहर में ही देखने को मिले थे। जिन सीटिंग सांसदों ने चुनाव लड़े उन्हें 2014 के मुकाबले कई गुना ज्यादा मतों से जीत मिली। इसकी वजह ये नहीं है कि जनता सांसद से खुश थी बल्कि इसके पीछे मोदी का मैजिक था। ये अंडर करंट था, जनता ने चुपचाप वोट दिया।

महागठबंधन को इस चुनाव में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की कमी खली। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कुशल नेतृत्व का घोर अभाव दिखा। 10 सीटों पर महागठबंधन के दलों में तालमेल की कमी और भितरघात साफ दिख रहा था। 2014 की मोदी लहर में भी आरजेडी 4 सीटें जीतने में सफल रही थी।

Related Articles