बजट 2020-21 : शिक्षा क्षेत्र को मिला 99,300 करोड़ रुपये, सरकार लेकर आएगी नहीं शिक्षा नीति

नई दिल्ली (एजेंसी). नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट केंद्रिय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश कर रही है. इस साल शिक्षा क्षेत्र के बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कई बड़े ऐलान किए हैं, जिसमें उच्च श‍िक्षण संस्थान, मेडिकल कॉलेज, ऑनलाइन कोर्स और इंटर्नशिप पर जोर दिया गया है. आइए विस्तार से जानते हैं इस साल शिक्षा क्षेत्र के पिटारे में क्या- क्या है.

बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श‍िक्षा क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 99300 करोड़ रुपये की घोषणा की है. ये राश‍ि बीते वित्त वर्ष 2019-20 से करीब पांच करोड़ रुपये अध‍िक है. बीते वित्त वर्ष 2019-20 में श‍िक्षा क्षेत्र को 94,853.64 करोड़ रुपये दिए गए थे.

बजट में कहा गया कि मार्च 2021 तक 150 उच्च शिक्षण संस्थान शुरू किए जाएंगे. इन संस्थानों में स्किल्ड प्रशिक्षण दिया जाएगा. अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए डिग्री लेवल ऑनलाइन स्कीम शुरू होगी.

व‍ित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाने और उसके लिए फंड देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इन संस्थानों से साइबर फारेंसि‍क पढ़ाया जा सकेगा.

निर्मला सीता रमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि अब ऑनलाइन डिग्री लेवल प्रोग्राम चलाए जाएंगे. जल्द ही सरकार नई शिक्षा नीति का ऐलान करेगी जिससे श‍िक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव आएंगे.

वित्त मंत्री ने कहा – सरकार 150 उच्चश‍िक्षा संस्थानों के साथ अप्रेंटिस के संस्थान शुरू करेंगे. इसके अलावा सरकार एक प्रोग्राम शुरू करेगी जिसमें शहरी निकाय नये इंजीनियरों को एक साल के लिए इंटर्नशिप देगी ताकि इंटर्न भी सीख सकें और शहरी निकायों को भी कामकाज में मदद मिल सके.

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार काम कर रही है, अब दुनिया के छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए सुविधाएं दी जाएंगी. भारत के छात्रों को भी एशिया, अफ्रीका के देशों में भेजा जाएगा. राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. डॉक्टरों के लिए एक ब्रिज प्रोग्राम शुरू किया जाएगा, ताकि प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को प्रोफेशनल बातों के बारे में सिखाया जा सके.

Related Articles