फिल्म मेकर और बड़े मल्टीप्लेक्सों के बीच फिल्मों की डिजिटल रिलीज को लेकर अनबन, हो सकता है बड़ा नुकसान

नई दिल्ली(एजेंसी) :दो बड़ी बॉलीवुड फिल्मों समेत सात फिल्मों की सीधे डिजिटल रिलीज को लेकर फिल्म इंडस्ट्री में दोफाड़ हो गई है जिसमें कई मल्टीप्लेक्स मालिकों का कहना है कि उनके लिये यह खतरे की घंटी है जबकि निर्माताओं का कहना है कि वे उनके असंगत संदेशों से निराश हैं.

ऐसे में जबकि मनोरंजन जगत कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के कारण भारी आर्थिक नुकसान उठा रहा है, इस वाकयुद्ध की शुरूआत तब हुई जब अमेजन प्राइम वीडियो ने अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना अभिनीत ‘गुलाबो सिताबो’ और विद्या बालन की ‘शकुंतला देवी’ के सीधे डिजिटल प्रीमियर के अधिकार खरीद लिये हैं.

दक्षिण भारत की पांच फिल्मों की रिलीज भी डिजिटल होगी. ऐसी खबरें हैं कि अक्षय कुमार की ‘लक्ष्मी बम’, जाहनवी कपूर की ‘ गुंजन सक्सेना’ , अमिताभ बच्चन की ‘झुंड’ और अभिषेक बच्चन की ‘लूडो’ की रिलीज भी डिजिटल हो सकती है.

देश की सबसे बड़ी मल्टीप्लेक्स चेन पीवीआर ने कहा कि कुछ निर्माताओं के डिजिटल रिलीज के फैसले से वे निराश हैं.

पीवीआर पिक्चर्स के सीईओ कमल ज्ञानचंदानी ने कहा,‘‘ फिल्मकारों के रचनात्मक कौशल और परिश्रम की बानगी सिनेमा की थिएटर में रिलीज से ही दर्शकों को देखने को मिलती है. दशकों से ऐसा चला आ रहा है. भारत ही नहीं, विदेश में भी.’’

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण सिनेमा बंद है लेकिन हालात सामान्य होने पर लोग सिनेमाघरों में लौटेंगे.

एक अन्य चेन आइनोक्स ने इसे खतरे की घंटी बताते हुए कहा ,‘‘इस संकट के दौर में यह देखकर दुख हो रहा है कि साझेदारों में से एक आपसी लाभ के रिश्ते को कायम नहीं रखना चाहता है जबकि इस समय एक दूसरे का कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने की जरूरत है.’’

प्रोड्यूसर्स गिल्ड आफ इंडिया ने कहा कि इस तरह के अरचनात्मक संदेश निराशाजनक हैं . उसने कहा ,‘‘ अगले कुछ समय तक थिएटर में फिल्म रिलीज करना संभव नहीं होगा. जब सिनेमा खुलेंगे तब रिलीज के लिये इतनी सारी फिल्में इकट्ठी हो जायेंगी जिसमें छोटी और मध्यम बजट की फिल्मों को नुकसान होगा.’’

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