दमदार परफॉर्मेंस और बेबाक कहानी के साथ समाज की कड़वी सच्चाई बयां करती है ‘पाताल लोक’

नई दिल्ली(एजेंसी) :इस दुनिया में तीन लोक हैं, स्वर्ग लोक, धरती लोक और पाताल लोक, ग्रंथों में इन तीनों ही लोकों का जिक्र मिलता है. अमेजन की नई सीरीज का भी इन लोकों से जरा गहरा वासता है. अमेजन प्राइम की क्राइम थ्रिलर ‘पाताल लोक’ आज रिलीज हो गई है और इस वेब सीरीज को अब तक शानदार क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज में शुमार किया जा सकता है. ये एक क्राइम ड्रामा है जिसमें आपको एक से बढ़कर एक एक्टर नजर आएंगे.

इन दिनों अगर हम वेब सीरीज की बात करें तो वो इन दिनों अपनी कहानियों के प्लॉट में माइथोलॉजी यानी की ग्रंथों का जिक्र करते दिखते हैं. फिर चाहे वो नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ हो या फिर वूट सेलेक्ट की ‘असुर’ इन सभी सीरीज की कहानी तो आज के दौर की है लेकिन इसे जोड़ा माइथोलॉजी से गया है. ऐसा ही कुछ अमेजन की सीरीज पाताल लोक में देखने को मिला है. अगर आप भी इस सीरीज को देखने के लिए बेताब हैं तो पहले यहां पढें इसका रिव्यू.

ये कहानी किसकी है ये तो कह पाना जरा मुश्किल है, लेकिन ये शुरू होती है दिल्ली के आउटर जमुना पार थाने से. इस पुलिस स्टेशन में एक इंस्पेक्टर है हाथी राम चौधरी (जयदीप अहलावत) जो अपनी नौकरी से काफी परेशान सा रहता है और प्रमोशन के लिए बहुत बेताब है. हाथी राम चौधरी हमेशा से अपने पिता के लिए नाकारा बेटा रहा है और अब अपने बेटे के लिए नाकारा पिता बन गया है. ऐसे में वो खुद को साबित करके दिखाना चाहता है.

इसी बीच उसकी झोली में आ गिरता है एक हाई प्रोफाइल केस. ये केस है विशाल त्यागी (अभिषेक बनर्जी) का, त्यागी जो कि यूपी के चित्रकूट का एक वॉन्टेड क्रिमिनल है और कभी भी गिरफ्तार नहीं हुआ था. त्यागी को हथौड़ा त्यागी के नाम से जाना जाता है. त्यागी के साथ उसके तीन साथ भी गिरफ्तार हुए हैं. इन सभी पर एक नामी जर्नलिस्ट ‘संजीव मेहरा’ को मारने की प्लानिंग करने का आरोप है.

पुलिस इन्हें गिरफ्तार करती है और फिर क्राइम की अंधेरी दुनिया के कई राज खुलने का सिलसिला शुरू होता है. त्यागी आखिर मेहरा को क्यों मारना चाहता है? जब चौधरी इस सवाल की तलाश मेें निकलता है तो उसे समाज में मौजूद कई ऐसी चीजें नजर आती हैं जो किसी भी शरीफ आदमी को गलत रासते पर चलने को मजबूर कर देती हैं.

चौधरी जब त्यागी की पिछली जिंदगी के बारे में पता लगाने के लिए चित्रकूट पहुंचता है तो उसे समझ आता है कि इस क्रिमिनल के लिंक काफी ऊपर तक जुड़े हुए हैं. एक के बाद एक कहानी में नेता से लेकर डकैत और आतंकवाद तक इसके तार जुड़ते चले जाते हैं.

इस केस को सुलझाते-सुलझाते चौधरी को समझ में आता है कि वो क्राइम की किस दल-दल में फंस गया है और इसी सब के बीच वो अपनी नौकरी से भी सस्पेंड हो जाता है. लेकिन चौधरी की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं. सस्पेंड होने के बावजूद उसे पुलिस डिपार्टमेंट के करप्शन, मीडिया की कहानियों का और गंदी राजनीति का शिकार होना पड़ता है.

इस सीरीज में जयदीप अहलाव जो कि निजी जिंदगी में भी हरियाणा से आते हैं, सीरीज में भी ऐसा ही किरदार निभाते दिख रहे हैं. इसमें कोई शक नही है कि उन्होंने इस रोल को बहुत ही शानदार तरीके पुल किया है. शायद इंडस्ट्री का कोई और एक्टर इस किरदार के लिए जयदीप से बेहतर नहीं हो सकता था.

साथ ही अभिषेक बनर्जी जो कि एक साइको किलर के किरदार में हैं, ने भी अपना रोल बेहद शानदार तरीके से निभाया है. इन दोनों के अलावा सीरीज में नीरज काबी ने फिर खुद को साबित किया है और अपने किरदार को शानदार तरीके से निभाया है. इसके अलावा सपोर्टिंग सभी एक्टर्स ने अपना काम शानदार तरीके से किया है.

ये एक शानदार क्राइम थ्रिलर है, जिसे आप आज के समय और आसपास हो रही घटनाओं से जोड़कर देख सकते हैं.

ये वेब सीरीज बेहद सच्चाई के साथ लिखी और बनाई गई है और इसमें किरदारों या तथ्यों के साथ शुगर कोटिंग नहीं की गई है. फिर चाहे वो मीडिया के कैमरों के पीछे की दुनिया हो या फिर सिस्टम में मौजूद करप्शन.

समाज में आज भी किस तरह जात-पात और धर्म के नाम पर लोगों को प्रताड़ित किया जाता है, सीरीज में बेहद संजीदा तरीके से दिखाया गया है.

हालांकि इसमें क्राइम की दुनिया का बेहद खौफनाक चेहरा भी दिखाया गया है, जिसकी वजह से दर्शकों को इस सीरीज बच्चों के साथ बैठ कर नहीं देखना चाहिए.

इसकी लगातार तुलना सेक्रेड गेम्स से की जा रही है. हालांकि दोनों ही कहानियां एक दूसरे से अलग हैं, लेकिन इनकी तुलना की बात की जाए तो ये सीरीज सच्चाई के ज्यादा करीब खड़ी नजर आती है.

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