नई दिल्ली (एजेंसी). नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC को लेकर पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चल रहे TMC के भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज अपनी दो दिवसीय यात्रा पर कोलकाता (Calcutta) पहुंच रहे हैं। अपने दौरे के दौरान पीएम कोलकाता बंदरगाह ट्रस्ट की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर समारोह में शामिल होंगे तथा चार धरोहर इमारतों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। शाम को पीएम मोदी और ममता बनर्जी (Mamta Banerjee)की राजभवन में मुलाकात तय है। वहीं, प्रधानमंत्री की यात्रा को देखते हुए बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन का फैसला किया है। पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब नागरिकता कानून और NRC को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार में ठनी हुई है।
यह भी पढ़ें :
जिस दिन से चला हूँ मिरी मंजिल पे नजर हैं, आँखों ने कभी मिल का पत्थर नहीं देखा
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, निर्धारित समय के अनुसार शनिवार को शाम करीब चार बजे प्रधानमंत्री के कोलकाता पहुंचने के बाद दोनों नेताओं के बीच एक बैठक होगी। हालांकि अधिकारियों की तरफ से बैठक के एजेंडे का खुलासा नहीं किया गया।
यह भी पढ़ें :
#Chhapaak : बीजेपी नेता के बिगड़े बोल – दीपिका पोर्न फिल्म करती तो सरकार उसे भी टैक्स फ्री कर देती
दूसरी ओर छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने राजभवन के आसपास धारा 144 लगा दी गई है। राजभवन और हवाई अड्डे के आसापस भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर प्रशासन किस कदर सतर्क हैं, इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी मार्ग से राजभवन जाते हैं तो उसके लिए हवाई अड्डे से राजभवन तक पूरी सड़क पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। पूरी सड़क पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
यह भी पढ़ें :
ईरान का कबूलनामा, 176 लोगों से सवार विमान को गलती से मार गिराया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि वह पश्चिम बंगाल में जाने के लिए उत्साहित हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है, ‘मैं आज और कल पश्चिम बंगाल में होने के लिए उत्साहित हूं। मुझे रामकृष्ण मिशन में समय व्यतीत करते हुए खुशी हो रही है और वह भी तब जब हम स्वामी विवेकानंद की जयंती को मनाएंगे। उस जगह के बारे में कुछ खास है।
यह भी पढ़ें :
यूपी : कन्नौज में बस और ट्रक की भिड़ंत के बाद लगी आग, 20 की मौत, पीएम मोदी ने जताया दुख
पीएम ने एक ओर ट्वीट में कहा, ‘फिर भी, एक शून्य भी होगा! जिस व्यक्ति ने मुझे ‘जन सेवा ही प्रभु सेवा ’का महान सिद्धांत सिखाया है, वह आदरणीय स्वामी आत्मस्थानंद जी नहीं होंगे। मेरा रामकृष्ण मिशन में होना और उनकी मौजूदगी नहीं होना बेहद ही अकल्पनीय है!’
यह भी पढ़ें :