पूर्वोत्तर राज्य बोडोलैंड की मांग पर हुआ समझौता, मोदी सरकार और बोडो संगठनों ने किए हस्ताक्षर

नई दिल्ली (एजेंसी). पूर्वोत्तर में एक अलग राज्य की लंबे समय से जारी मांग थमने के आसार हैं. असम में पिछले लंबे समय से अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले चार गुटों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला लिया है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार के साथ NDFB ने समझौता किया, जिसके तहत अब बोडोलैंड की मांग नहीं की जाएगी.

नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन ऑफ बोडोलैंड (NDFB) की अगुवाई में अलग राज्य की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार की ओर से सख्त रुख अख्तियार करने के बाद तस्वीर पूरी तरह से बदल गई.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज भारत सरकार, असम सरकार और बोडो संगठन के चार समूहों के बीच समझौता हुआ है, ये सुनहरे भविष्य का दस्तावेज है. साल 1987 से ये आंदोलन हिंसक बना, इसमें 2823 नागरिक संघर्ष में मारे गए है, 949 बोडो काडर के लोग और 239 सुरक्षाबल भी मारे गए हैं.

सरकार की ओर से बोडो गुटों की मांग को मानते हुए एक अलग यूनिवर्सिटी, कुछ राजनीतिक आधार, बोडो भाषा के विस्तार पर विस्तार किया जा सकता है. इस दौरान NDFB संगठन के रंजन दैमिरी, गोविंदा बासुमैत्री, धीरेन बोरे और बी. सारोगैरा समेत अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे.

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