नई दिल्ली(एजेंसी): भारत और चीन के बीच साल 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद एक बार फिर सबसे बड़ा टकराव हुआ है. हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए. इस क्षेत्र में दोनों तरफ नुकसान ऐसे वक्त हुआ है जब सरकार का ध्यान कोरोना संकट से निपटने पर लगा हुआ है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या भारत उरी हमला और पुलवामा हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की तरह चीन को भी जवाब देगा. कश्मीर के उरी और पुलवामा में हमले के बाद भारत ने 10 दिन के भीतर ही भारतीय जवानों की शहादत का बदला ले लिया था. तो क्या अब चीन को भी इसी तरह जवाब दिया जाएगा?
18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के मुख्यालय पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस हमले में भारत के 19 जवानों की शहादत हो गई थी. इस हमले के लगभग 10 दिन बाद 29 सितंबर को भारत के जांबाजों ने पीओके में घुसकर आतंकियों का सफाया कर दिया था.
सरहद पार किए गए इस ऑपरेशन को ऑपरेशन X नाम दिया गया. उरी हमले के बाद ही प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर अपनी मंशा जाहिर कर दी थी. उन्होंने कहा था कि जो भी इस निंदनीय कृत के पीछे है उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. इस ऑपरेशन के लिए नॉर्दन कमांड के 2 बटालियन काम कर रही थी. ऑपरेशन के दौरान आतंकी चौकियों में क्या चल रहा है इसकी जानकारी कमांडो को सेटेलाइट के जरिए मिल रही थी.
हालांकि पाकिस्तान सर्जिकल स्ट्राइक की बात नकारता रहा लेकिन भारत ने एक के बाद एक कई सबूत दिए जिसमें भारतीय जवानों साहस की पूरी कहानी बंया हो रही थी.
भारतीय वायेसना ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में आतंकी कैंप पर एयरस्ट्राइक किया था. जिसमें बालाकोट में कई आतंकी कैंप तबाह कर दिए गए थे. 250 से ज्यादा आतंकी भी मारे गए थे. ये एयरस्ट्राइक 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में था. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 से ज्यादा जवान मारे गए थे. इस हमले के बाद में देश भर में रोष का माहौल था. पूरे देश की मांग थी कि आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. इसी का बदला लेते हुए वायुसेना ने एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था.
पुलवामा हमले के ठीक बाद पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने खुद कबूल किया था कि हमले को उसकी तरफ से अंजाम दिया गया है. जबकि पाकिस्तान ये मामने से इनकार करता रहा है कि पुलवामा हमले में जैश का हाथ है. भारत ने इसको लेकर पाकिस्तान को साक्ष्य उपलब्ध कराए लेकिन दोहरे चरित्र वाले पाकिस्तान ने इसे मानने से इनकार कर दिया.