नई दिल्ली(एजेंसी): जरूरत के मुताबिक व्यायाम नहीं करना शारीरिक कमजोरी और बीमारियों का एक प्रमुख कारण है. सेहतमंद रहने के लिए हर हफ्ते ढाई घंटे, संतुलित अभ्यास या फिर 75 मिनट सख्त व्यायाम करना चाहिए.
हफ्ते में कम से कम दो दिन ऐसा शारीरिक अभ्यास होना चाहिए जिससे शरीर के पुट्ठों में खिंचाव हो. ज्यादा देर बैठनेवाले लोग दिन के समय हल्की-फुल्की कसरत कर सकते हैं. संतुलित कसरत में तेज चलना, तैराकी, ऊंची जगहों पर साइकिल चलाना, टेनिस खेलना, बाग में घास काटना, वॉलीबॉल और बॉस्केटबॉल खेलना माना जाता है. सख्त कसरत में जॉगिंग, तेज दौड़ना, स्विमिंग करना, तेज साइकिल चलाना, फुटबॉल, रग्बी खेलना, रस्सी कूदना, हॉकी खेलना और मार्शल आर्ट्स शामिल है. सही और सेहतमंद जिंदगी की दिनचर्या के लिए कसरत (Exercise) और शारीरिक गतिविधियां (Activities) में फर्क करना जरूरी है.
गतिविधियां शरीर को सीमित स्तर तक सक्रिय करती हैं. जबकि कसरत के पीछे शरीर को ज्यादा सक्रिय रखना होता है. पाबंदी से शारीरिक व्यायाम कर श्वसन तंत्र को बेहतर बनाया जा सकता है. इससे सांस रोकने और मशक्कत बर्दाश्त करने की क्षमता बढ़ जाती है. कसरत से आंतों में होनेवाली हलचल पेट में गैस जमने नहीं देती है. इसके अलावा फेफड़ों और पेट की कार्य क्षमता बढ़ाने के साथ खून की गुणवत्ता भी बेहतर रखती है. सामान्य कामकाज करते हुए सक्रिय रहने से सेहत पर अच्छा असर पड़ता है लेकिन पाबंदी से कसरत करना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है.
सैर करना- ये कसरत का सबसे आसान और सस्ता तरीका है. सैर करते वक्त लंबे-लंबे कदम भरें.
दौड़ लगाना- कम रफ्तार में दौड़ लगाने से दिल की ऊर्जा बरकरार रहती है. प्रतिदिन लगातार दौड़ लगाने से पुट्ठों और जोड़ों को चोट पहुंचने की आशंका नहीं रहती. इसलिए मुनासिब जूते पहनकर दौड़ लगाएं लेकिन कसरत के जरिए शरीर को गर्म जरूर कर लें.
साइकिल चलाना– साइकिल चलाने पर ताकत खूब खर्च होती है. मगर फिर भी ये कसरत करने का सबसे अच्छा तरीका है.