रायपुर (अविरल समाचार). जिस नागरिकता संशोधन बिल (CAB) को लेकर देश के कई राज्यों में बवाल मचा हुआ है, बिल पास हो जाने के बाद कई राज्यों पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल ने खुले तौर पर विरोध जताते हुए अपने राज्य में लागू नहीं करने का ऐलान कर दिया है इसमें अब छत्तीसगढ़ का नाम भी शामिल हो गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए इस बात को कहा
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उल्लेखनीय है की कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल होने मुख्यमंत्री आज दिल्ली के लिए रवाना हुए इसके पूर्व उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि “यह संवैधानिक मूल्यों पर यह सीधे-सीधे हमला है।” गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कल दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के भारत बचाओ आंदोलन रैली में शामिल होने के लिए गए हैं। हजारों की संख्या में कांग्रेसी पहले ही वहां छत्तीसगढ़ से पहुंच चुके हैं।
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वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस पार्टी ने जो भी रुख अपनाया है, हम उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि क्या हम उस प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहते हैं जो विभाजन का बीज बोती है?
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महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट से जब पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करेगी, तो उन्होंने इसके जबाव में कहा कि हम अपनी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नीति का पालन करेंगे। हम पूरी तरह पार्टी के रुख के साथ है।
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इससे पहले पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल सरकार भी इसे अपने राज्य में लागू नहीं करने का एलान कर चुके हैं। इस तरह से अब ये कानून देश के इन छह राज्यों में लागू नहीं होगा। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शुरुआत से ही इस बिल के विरोध में हैं और किसी भी हाल में इसे लागू नहीं करने की बात कह चुकी हैं। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और केरल के सीएम पिनरई विजयन भी इसपर अपना विरोध जता चुके हैं।
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लेकिन सरकार के सूत्रों ने कहा कि नागरिकता का विषय संविधान की सातवीं अनुसूची में आता है इसलिए इससे मानना बाध्यकारी है। सभी राज्यों को नागरिकता बिल संशोधन को मानना ही होगा।
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