नई दिल्ली (एजेंसी)। लोकसभा चुनाव में सेना का नाम लेकर वोट मांगने को लेकर चल रही राजनीति के बीच पूर्व सैनिकों ने इस पर आपत्ती जताई है। करीब 150 से ज्यादा पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खत लिखकर इस बारे में आपत्ती जताई है। खत में लिखा गया है कि नेता सेना को ‘मोदी जी की सेना’ बता रहे हैं।
चिट्ठी में जिक्र किया गया है कि मौजूदा केंद्र सरकार सर्जिकल स्ट्राइक जैसे सेना के ऑपरेशन का श्रेय ले रही है। 11 अप्रैल को सार्वजनिक हुई इस चिट्ठी में राष्ट्रपति से राजनीतिक दलों के सेना के राजनीतिक इस्तेमाल रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की गई है।
चिट्ठी में लिखा गया है, ”सीमा पार हुए सर्जिकल स्ट्राइक जैसे सैन्य अभियान का श्रेय नेता ले रहे हैं। साथ ही सेना के जवानों को मोदी जी की सेना कहा जा रहा है। चुनावी फायदा लेने के लिए नेता एयरफोर्स के विंग कमांडर की तस्वीरों का सहारा ले रहे हैं। ऐसा करना ठीक नहीं है।”
बता दें कि एक चुनावी रैली के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र किया था और आर्मी को मोदी जी की सेना बताया था। योगी के इस बयान के बाद विरोधियों ने उन पर जमकर निशाना साधा था।
चिट्ठी में कहा गया है, ”हम इस बात की सराहना करते हैं कि वरिष्ठ रिटायर्ड अधिकारियों की शिकायतों पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बयान को लेकर नोटिस जारी किया गया है। लेकिन ऐसा कहीं से लग नहीं रहा है कि इन सब के बाद भी चुनावी रैलियों में सेना के शौर्य का जिक्र रुक नहीं रहा है।”
राष्ट्रपति को लिखे चिट्ठी में कहा गया है, ”हमें विश्वास है कि आप जरूर इस बात से सहमत होंगे कि भारत के संविधान के तहत और भारत के राष्ट्रपति के सर्वोच्च आदेश के तहत सशस्त्र बलों के जवान और उसके वर्दी का प्रयोग मना है। इस तरह के काम से सेना की अखंडता को नुकसान पहुंच सकता है।”
बता दें कि महाराष्ट्र के लातूर की एक रैली में पीएम मोदी ने पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से कहा था कि ‘वे अपने मत उन बहादुर लोगों को समर्पित करें, जिन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले को अंजाम दिया।’