नई दिल्ली (एजेंसी). असम में नागरिकता विधेयक को लेकर विरोध लगातार जारी है। गुवाहाटी में हजारों लोग कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़क पर उतर आए और कई स्थानों पर स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को गोलियां भी चलानी पड़ी। मेघालय और असम में अगले 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। असम में 31 ट्रेनें या तो रद्द करनी पड़ीं या उनका रूट बदल दिया गया। वहीं गुवाहाटी और शिलॉन्ग में कर्फ्यू जारी है।
यह भी पढ़ें :
पूर्वोत्तर राज्यों के हालात संभालने अमित शाह ने लिया एक्शन, स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ की बैठकें
असम में स्कूलों और कॉलेजों को 22 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि राज्य में हिंसा के पीछे ऑल असम स्टूडेंट यूनियन और अन्य स्थानीय समूहों का हाथ नहीं है। हिंसा के पीछे उन नकारात्मक ताकतों का हाथ है जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल हो गए हैं।
यह भी पढ़ें :
आ गया “USB कंडोम”, जानिये क्या हैं और कैसे करता हैं सुरक्षा
नागरिक संशोधन कानून के विरोध में हो रही हिंसा की वजह से कई उड़ानें आज भी रद्द हैं। रेल सेवा ठप होने से सैकड़ों लोग नॉर्थ ईस्ट के तमाम शहरों में फंस गए हैं। रेलवे के प्रवक्ता ने दिल्ली में कहा कि असम और त्रिपुरा आने-जाने वाली सभी यात्री ट्रेनों को निलंबित कर दिया।
यह भी पढ़ें :
मैं माफी नहीं मांगूंगा : राहुल गांधी, ‘रेप इन इंडिया’ बयान पर संसद में हंगामा
असम के डिब्रूगढ़ में सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक के लिए कर्फ्यू में छूट दी गई है। बता दें कि यहां भी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता कानून को लेकर विरोध जताया था। कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी।
असम में बढ़ते विरोध प्रदर्शन के कारण राजधानी गुवाहाटी समेत कई हिस्सों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। वहीं किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
यह भी पढ़ें :
नागरिकता बिल पर असम में विरोध जारी, कर्फ्यू के बीच फ्लाइट-ट्रेन रद्द, स्कूल-कॉलेज बंद
असम सरकार ने गुरुवार को गुवाहाटी पुलिस के आयुक्त दीपक कुमार की जगह एमपी गुप्ता को नियुक्त किया और आठ पुलिस अधीक्षकों सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया है। गृह मंत्रालय ने असम कैडर के आईपीएस जीपी सिंह को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के तौर पर वापस गुवाहाटी भेज दिया है। इससे पहले वह एनआईए में डेप्युटेशन पर तैनात थे। उन्होंने चेतावनी दी है कि हिंसा के पीछे के लोगों को जल्द ही पहचान लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें :
Comments are closed.