नव वर्ष 2020 शनि गोचर : क्या करें उपाय जिससे होगा आपको लाभ
ज्योतिषाचार्य डॉ दत्तात्रेय होस्केरे
रायपुर (अविरल समाचार). शनि एक अनुशासनात्मक और न्याय कारक ग्रह हैं। जिस प्रकार से एक शिक्षक हमारी ऊर्ज़ाओं को समझ कर हमें सही मार्ग पर लें जाने की कोशिश करते हैं और गलत करने पर दण्डित भी करते हैं, उसी प्रकार ये शनि भी अनुशासन में रह कर कर हमें हमारी सीमाओं से बांधते हैं। शनि के मकर राशि में आने से हमें समझ आएगा कि प्रयास करने से ही सफलता और लाभ प्राप्त होगा। यही समय होगा जब हम अपनी भविष्य के लिए सही योजना बना कर अपनी नींव मज़बूत करेंगे मकर में शनि के गोचर होने से हमारी निगाह अपने लक्ष्य पर होनी चाहिए, ताकि हम ठोस परिणाम तक पहुंच पायें। आईये जानते हैं शनि गोचर 2020 में आप सभी की राशियों के अनुसार आपके व्यवसाय, नौकरी, विवाह, प्रेम, संतान, शिक्षा और स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
न्याय के स्वामी शनि गोचर 2020 में धनु राशि से अपनी स्वराशि मकर में 24 जनवरी को होने जा रहा है। इसी वर्ष 11 मई 2020 से 29 सितम्बर 2020 तक शनि मकर राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेगा। इसी वर्ष शनि 27 दिसम्बर 2020 को अस्त भी हो जाएंगे, जिससे शनि के प्रभाव कुछ कम हो जाते हैं। धनु और मकर राशि में पहले से ही शनि की साढ़े साती का प्रभाव चल रहा था। अब कुम्भ राशि पर भी शनि की साढ़े साती का पहला चरण शुरु हो जाएगा। शनि मकर और कुम्भ दो राशियों के स्वामी हैं। शनि की दो राशियों में से एक राशि मकर में शनि का गोचर होने जा रहा है और शनि की दूसरी राशि कुम्भ शनि की स्व राशि और मूल त्रिकोण राशि है।
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मेष :-
मेष राशी में शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी हो कर राशि से दशम भाव में ही गोचर करेगा। दशम भाव कर्म का भाव हैं और शनि भी कर्म का स्वामी हैं। इस गोचर में आपकी मेहनत और संघर्ष बहुत बढ़ जाएगा। नये काम के लिए सोच रहे हैं तो अप्रैल तक कर लें क्योंकि 11 मई से शनि के वक्री होने की वज़ह से नये काम में रुकावट आ सकती हैं और जिस लाभ की आशा कर रहे थे वह भी समय से नही मिल पायेगा। आपकी सेहत के हिसाब से ये वर्ष सामान्य रहेगा। कोई त्वचा से जुड़ी बीमारी परेशान कर सकती है इसलिए लापरवाही न करें। शनि के पराक्रम भाव में गोचर करने से आपके अंदर उत्साह की कोई कमी नही रहेगी और किसी भी काम को आप बिना डरे करेंगे। माता-पिता का सहयोग पूर्ण रुप से बना रहेगा और आप उनके साथ धार्मिक यात्रा के लिए जा सकते हैं। घर से जुड़े किसी कार्य में धन का खर्च हो सकता है और आपका अपने घर का सपना भी इस शनि के गोचर में अवश्य सफल होगा।
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वृषभ :-
वृषभ राशि में शनि नवम और दशम भाव का स्वामी हो कर वृषभ राशि से नवम भाव में ही गोचर करेगा। शनि का भाग्य स्थान में गोचर होने से पिता के साथ कुछ मतभेद हो सकता है। आपको उनकी सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए। कार्य-स्थल में मेहनत अधिक होने के बाद लाभ के आसार कम नज़र आ रहे हैं। सब्र और धैर्य से ही काम करें तो बेहतर रहेगा। प्रमोशन के बारे सोच रहे हैं तो ये शनि का गोचर अभी और इंतज़ार करवायेगा। नई नौकरी के लिए भी साल की शुरुआत ही बेहतर रहेगी साल के मध्य में आ कर कोई बदलाव न करें। इस वर्ष आलस को भी अपने से दूर रखें नही तो कल पर काम टालने की आदत से कुछ महत्वपूर्ण कार्य हाथ से निकल जाएंगे। राहू का भी वाणी भाव में गोचर करने से आपको बहुत ही सोच समझ कर अपनी वाणी का प्रयोग करना होगा और कोई भी ऐसा वादा न करें जिसे आप समय पर पूरा न कर पायें।
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मिथुन :-
मिथुन राशि में शनि अष्टम और नवम भाव का स्वामी हो कर मिथुन राशी से अष्टम भाव में ही गोचर कर रहा है। इस वर्ष शनि का प्रभाव आपके कर्म भाव पर रहेगा, जिस वजह से कार्य-स्थल में देरी के साथ रुकावट बनी रहेगी और अष्टम भाव में शनि का प्रभाव होने से अचानक ही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। आर्थिक स्थिति भी कुछ कमजोर नज़र आ रही है और धन से जुड़े कार्य में भी ये शनि आय व लाभ में कमी करेगा। ये वर्ष विदेश यात्रा के लिए बेहतर रहेगा और वहां से जुड़े सभी कार्य समय पर बनेंगे। यदि बीते वर्ष में ज़मीन से जुड़े किसी वाद-विवाद से अब तक जूझ रहे थे तो इस वर्ष वहां से भी निज़ात मिलती नज़र आ रही है। शनि के आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर करने से कभी–कभी खुद को भ्रमित सा महसूस करोगे। अगर किसी महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय ऐसा हो तो किसी सीनियर की सलाह लें लें या कुछ समय के लिए टाल दें तो बेहतर रहेगा। ये था शनि गोचर 2020 का मिथुन राशि के लिए राशिफल।
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कर्क :-
कर्क राशी में शनि सप्तम और अष्टम भाव का स्वामी हो कर कर्क राशि से सप्तम भाव में ही गोचर करेगा। इस वर्ष आलस को अपने से दूर ही रखें क्योंकि आलसी लोगों को शनि शुभ फल नही देते हैं। साल की शुरुआत में व्यापार से जुड़े कुछ ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे, जो आप बीते वर्ष में नही ले पा रहे थे। विदेश से जुड़े भी ऐसे प्रोजेक्ट मिलेंगे जिससे आपको लाभ मिलेगा। संतान के स्वास्थ्य का ध्यान अवश्य रखें और वाहन भी बेहद सावधानी से चलाना आवश्यक होगा। इस वर्ष किसी महिला मित्र की वज़ह से आपको फायदा होगा। आपके घर में किसी तरह की साज़-सजावट पर धन का खर्च हो सकता हैं जिसमें आपके परिवार वाले आपको पूर्ण रुप से सहयोग देंगे। साल के मध्य में अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें कोई पुरानी बीमारी परेशान कर सकती है। बिलकुल भी लापरवाही न भी बरतें। किसी से वाद-विवाद भी हो सकता हैं जिसको सुलझाने में आपका धन खर्च हो सकता है, सावधान रहने की जरुरत है।
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सिंह :-
सिंह राशि में शनि षष्टम और सप्तम का स्वामी हो कर सिंह राशि से षष्टम भाव में ही गोचर कर रहे हैं। यह शनि आपको इस वर्ष सही दिशा में कार्य करने की प्रेरणा देगा और आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचाने में पूरी मदद करेगा। शनि गोचर 2020 के अनुसार इस वर्ष आपकी मेहनत और संघर्ष बहुत बढ़ जाएगा जिससे आप खुद को बहुत व्यस्त महसूस करोगे। किसी ज़मीन में निवेश करने की सोच रहे हैं तो बहुत ही सोच समझ कर करें, नहीं तो वर्ष के मध्य में आपके साथ धोखा हो सकता है। नौकरी से जुड़ा कोई बदलाव कर रहे हैं तो साल के मध्य में नही करें। किसी अच्छे पद की चाहत में जल्दबाज़ी न करें, संयम से ही चलेंगे तो प्रमोशन भी मिलेगा। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्यायें दिखाई दे रही हैं। किसी पुरानी बीमारी की वज़ह से मानसिक तनाव बना रहेगा। कोई पुराना रुठा हुआ साथी वापिस आ सकता हैं, जिससे आपको अपनापन मिलेगा।
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कन्या :-
कन्या राशि में शनि पंचम और षष्टम भाव का स्वामी हो कर कन्या राशि से पंचम भाव में ही गोचर कर रहा है। शनि के इस गोचर से आप इस वर्ष किसी रुकी हुई शिक्षा को दोबारा शुरु कर सकते हैं या किसी शोध में भी खोज कर सकते हैं। शनि की स्थिति आपकी सोच को गंभीर बना देगी, जिससे आप बहुत ही गहराई में जा कर कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। शनि गोचर 2020 के अनुसार व्यापार को लेकर इस वर्ष कुछ भ्रम सा बना रहेगा और नये कार्य को लेकर भी कशमकश बनी रहेगी। कर्मचारियों के बीच मतभेद भी हो सकता हैं। कोई पुराना सरकारी कार्य अटका हुआ था वह भी इस वर्ष पूरा होगा। माता-पिता का पूर्ण रुप से आपको सहयोग मिलेगा। किसी महंगी भौतिक वस्तु पर आपका धन खर्च हो सकता हैं। आप अपनी महिला मित्र के लिए आभूषण भी ख़रीद सकते हैं। वाहन और घर से जुड़े खर्चे के लिए साल के मध्य का समय बेहतर नही है।
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तुला :-
तुला राशि में शनि चतुर्थ और पंचम भाव का स्वामी हो कर तुला राशि से चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। तुला राशि वालों को इस वर्ष व्यापार में शनि नये अवसर देगा लेकिन किसी तरह का अहम आपके लिए नुकसान का कारण भी बन सकता है। अगर विदेश से जुड़े किसी प्रोजेक्ट का इंतज़ार कर रहे थे तो आपको उसके मिल जाने से लाभ की प्राप्ति होगी। किसी के कहने से कोई बड़ा निवेश न करें और न ही वर्ष के मध्य में भूमि में निवेश के बारे में सोचें। शनि के वक्री होने से माता से भी किसी तरह का मतभेद बना रहेगा। क्योंकि इस वज़ह से आपको मानसिक रुप से भी कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। इस वर्ष छोटी-छोटी यात्राओं का योग भी बना हुआ है और सितम्बर के बाद विदेश यात्रा का सपना भी सच होगा। किसी तरह का वाद-विवाद होता दिखाई दे तो आप समय रहते ही दूरी बना लें तो आपके लिए बेहतर रहेगा।
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वृश्चिक :-
वृश्चिक राशि में शनि तृतीय और चतुर्थ भाव का स्वामी हो कर वृश्चिक राशि से तृतीय भाव में गोचर करेगा। इस शनि के गोचर से आपके ऊपर चल रही साढ़े साती अब समाप्त हो जाएगी। शनि गोचर 2020 के अनुसार इस वर्ष आप कुछ आलस सा महसूस करेंगे और अगर काम को कल पर टालने की सोचेंगे तो नुकसान भी आपका ही होगा। व्यापार में कोई नया काम करने की सोच रहे हैं तो यह समय कार्य के लिए बेहतर रहेगा। आर्थिक स्थिति भी सामान्य बनी रहेगी और कार्य में आर्थिक स्थिति को लेकर कोई रुकावट नहीं आएगी। साल के मध्य में माता से किसी बात को लेकर वाद-विवाद हो सकता है। किसी मित्र की सहायता से आपके रुके काम सुचारु रुप से बनने लगेंगे लेकिन उसी मित्र के साथ किसी नये काम की शुरुआत न करें। कोई पुरानी रुकी हुई शिक्षा इस वर्ष फिर से शुरु होगी और पूर्ण भी होगी।
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धनु :-
धनु राशि में शनि दूसरे और तृतीय भाव का स्वामी हो कर धनु राशि से दूसरे भाव में गोचर करेगा। इस वर्ष कोई भी कार्य शुरु करना चाहें तो अपने आप पर पूरी तरह से ध्यान लगा कर ही करें, तभी यह शनि आपको सफलता दिलाएगा। शनि की साढ़े-साती का आखिरी चरण होने से ये शनि जाते जाते आपको सोने की तरह तपा कर उजला बना देगा। व्यापार के लिए यह वर्ष बहुत मेहनत और संघर्ष भरा रहेगा, लेकिन इसका परिणाम भी बेहतर ही होगा। आर्थिक स्थिति के लिए यह गोचर कुछ तंगी लाएगा और धन से जुड़ी समस्या बनी रहेगी, लेकिन आपका कोई काम नही रुकेगा। ज़मीन से जुड़ा कोई फायदा ये शनि आपको दे सकता है। विदेश जाने का सोच रहे हैं तो इस वर्ष बहुत ही रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। पिता से आर्थिक मदद मिलेगी और माता का आशीर्वाद बना रहेगा। ये था शनि गोचर 2020 के अनुसार धनु राशि का राशिफल।
उपाय: विष्णु सहस्रानाम का पाठ करें| गुरूवार को|
मकर :-
मकर राशि में शनि मकर राशि और दूसरे भाव का स्वामी हो कर मकर राशि में ही गोचर कर रहा है। शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण शुरु हो रहा है। जिस से मानसिक परेशानी तो बनी रहेगी पर शनि के अपनी ही राशि में गोचर करने से इस मानसिक तनाव से लड़ने की प्रेरणा भी यही शनि ही देगा। इस गोचर से आपकी निर्णय शक्ति में संतुलन और गहराई आएगी और आपको अपनी नई मंज़िल मिलेंगी। व्यापार के लिए यह गोचर नए अवसर लाएगा और आर्थिक स्थिति में भी लाभ बना रहेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार आने से आप विदेश जाने का सपना भी पूरा कर पाएंगे और अपना घर लेने की सोच रहे हैं तो वह सपना भी अवश्य पूरा होगा। जीवन साथी के साथ कुछ मतभेद बना रह सकता है पर आप अपनी सूझबूझ से इस परेशानी से भी निज़ात पा लेगे। साल के अंत में अपनी सेहत का ध्यान रखें किसी तरह की दुर्घटना का योग बन रहा है इसलिए वाहन भी बेहद सावधानी से चलाएँ।
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कुंभ :-
कुम्भ राशि में शनि बारहवें और प्रथम भाव का स्वामी हो कर कुम्भ राशि से बारहवें भाव में गोचर करेगा। कुम्भ राशि वालों को शनि की साढ़े साती का प्रथम चरण शुरु होगा। जिससे आपकी राशि में संघर्ष व मेहनत बढ़ जाएगी और आपको अपनी जिंदगी की हकीक़त पता चलेगी। इस समय में आपके अपने दूर जाने लगेंगे और कुछ ऐसे रिश्ते करीब आएँगे, जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं था। जीवन साथी के साथ किसी बात को लेकर दूरी हो सकती है। नये कार्य को करने से पहले किसी सीनियर की सलाह अवश्य ले लें। व्यवसाय में किसी बड़े निवेश के लिए सोच समझ कर ही आगे बढ़ें। नौकरी को बदलने के लिए साल के मध्य का समय बेहतर नही है। घर की साज़ सजावट में धन का खर्च होगा और आपका नये वाहन का सपना भी सच होगा। ये था शनि गोचर 2020 में कुंभ राशि के जातकों के भविष्यफल।
उपाय: शनिदेव के मंदिर में तिल का तेल चढ़ाएं| शनिवार को|
मीन :-
मीन राशि में शनि एकादश और बारहवें भाव का स्वामी हो कर मीन राशि से एकादश भाव में ही गोचर करेगा। शनि का एकादश भाव में गोचर करने पर इसका पूर्ण प्रभाव आपकी राशि पर बना रहेगा। इस समय में आलस को अपने पर हावी न होने दें नहीं तो बहुत ही महत्वपूर्ण अवसरों से वंचित रह जायेंगे । व्यापार से जुड़े बहुत से नये अवसर आएँगे और आपको आगे बढ़ने का का मौका मिलेगा। इस वर्ष आप कुछ नया कर दिखाओगे। समाज में भी आपकी नई पहचान बनेगी। आपका वैवाहिक जीवन इस साल खुशहाल बना रहेगा और किसी नये साथी के जीवन में आने से आपके जीवन में ख़ुशियों की बहार आ जाएगी। सेहत के हिसाब से यह गोचर बेहतर रहेगा पर आलस से दूर रहें। इस साल माता-पिता का सहयोग पूर्ण रुप से बना रहेगा और आपकी आर्थिक स्थिति में भी वह आपकी मदद करेंगे|
उपाय: शनिवार को पीपल के वृक्ष पर काली तिल गुड़ चढ़ाकर शानिमंत्र का 21जाप करें|
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