धारा 370 के प्रावधान हटाने का संकल्प राज्यसभा में पास समर्थन में 125 और विपक्ष में 61 मत पड़ें

हालत सामान्य होते ही जम्मू-कश्मीर को पुनः पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर विचार : अमित शाह

नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने संबंधी संकल्प के साथ राज्य पुनर्गठन बिल और आरक्षण संशोधन बिल पेश किया जिसे सदन की मंजूरी मिल गई है. पुनर्गठन बिल पर हुई वोटिंग में पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े. इस विषय पर दिनभर विपक्ष का जोरदार हंगामा भी देखने को मिला. अब लोकसभा में मंगलवार को इस बिल और संकल्प पर चर्चा होगी.
इसके पूर्व राज्यसभा में आर्टिकल 370 पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को सिर्फ नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के चलते राज्य में भ्रष्टाचार और गरीबी बढ़ी है। अमित शाह ने उच्च सदन में कहा कि जम्मू कश्मीर में बड़ी कंपनियां जाना चाहती है, बड़ा निवेश करने के लिए कंपनियां तैयार है। लेकिन, उसमें बाधाएं थी। अमित शाह ने कहा कि अगर हालात सामान्य हुए तो फिर से जम्मू कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य बनाने पर विचार करेंगे।
गृह मंत्री ने कहा मैं आज सदन के सामने जम्मू कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक संकल्प और बिल लेकर उपस्थित हुआ हूं। मैं सदन के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि जम्मू कश्मीर में एक लंबे रक्तपात भरे युग का अंत धारा 370 हटने के बाद होने जा रहा है। आर्टिकल 370 अस्थाई था और इसे कभी न कभी हटना था लेकिन पिछली सरकारों ने वोट बैंक के लिए इसे हटाने की हिम्मत नहीं की। कैबिनेट ने आज हिम्मत दिखाकर और जम्मू कश्मीर के लोगों के हित के लिए यह फैसला लिया है. जम्मू और कश्मीर के विकास में बाधक भी आर्टिकल 370 है। शिक्षा के लिए यहां के बच्चों को देशभर के शिक्षा संस्थानों पर जाना पड़ता है इसका भी कारण 370 है। 40 हजार पंच-सरपंच का अधिकार 70 साल तक जम्मू कश्मीर के लोगों से ले लिया। इसका जिम्मेदार है अनुच्छेद 370। राष्ट्रपति शासन के बाद वहां चुनाव हुए और आज 40 हजार पंच-सरपंच वहां के विकास में योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 के कारण जम्मू कश्मीर में कभी भी लोकतंत्र प्रफुल्लित नहीं हुआ। आर्टिकल 370 और 35A के कारण भ्रष्टाचार फला-फूला, पनपा और चरम सीमा पर पहुंचा। आर्टिकल 370 और 35A के कारण ही गरीबी घर कर गई। इसी के कारण जम्मू कश्मीर में देश का कोई बड़ा डॉक्टर नहीं जाना चाहता, क्योंकि वहां वो अपना घर नहीं खरीद सकता, वहां का मतदाता नहीं बन सकता और वहां खुद को सुरक्षित नहीं महसूस करता। ये आरोग्य में भी बाधक है। इसी के कारण पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी बड़ी कंपनियां नहीं जा सकती। ये कंपनियां वहां गई तो वहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। बड़ी कंपनियां वहां गईं तो पर्यटन बढ़ेगा। आर्टिकल 370 और 35A हटाने से घाटी का, जम्मू का, लद्दाख का भला होने वाला है। आर्टिकल 370 और 35A हटने के बाद जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बनने वाला है।भारत सरकार ने हजारों करोड़ रुपये जम्मू और कश्मीर के लिए भेजे, लेकिन वो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए, 370 का उपयोग करके वहां भ्रष्टाचार को कंट्रोल करने वाले कानून लागू नहीं होने दिए गए. शिक्षा के अधिकार को, महिलाओं के सारे अधिकार के कानून और उनको और उनके बच्चों को अधिकार देना है तो भी आर्टिकल 370 हटनी चाहिए। आतंकवाद जन्मा, बढ़ा, पनपा और चरम सीमा पर पहुंचा, इसका कारण आर्टिकल 370 है। (साभार हिंदुस्तान लाइव/आज तक)

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