नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत ने रविवार को स्वदेसी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का तीन बार सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण पोखरण की टेस्ट फायरिंग रेंज में किया गया। परीक्षण के दौरान मिसाइल को दिन और रात दोनों समय टेस्ट फायर किया गया।
यह मिसाइल पाकिस्तानी टैंको को आसानी से अपना निशाना बना सकती है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है। यह भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाने में मदद करेगा। नाग मिसाइल दिन और रात में बराबर क्षमता के साथ दुश्मन के टैंकों पर आक्रमण कर सकती है।
- नाग मिसाइल युद्ध में दुश्मनों के टैंक को चार किलोमीटर दूर से ही ध्वस्त करने की क्षमता रखता है।
- रात के अंधेरे में भी अपने टारगेट को तबाह कर सकती है।
- थर्मल टारगेट सिस्टम (टीटीएस) तकनीक पर काम करती है। इस तकनीक से ऑपरेशनल टैंक की थर्मल इमेज क्रिएट हो जाती है, जिसके बाद टारगेट को लॉक करके मिसाइल दाग दी जाती है।
- मिसाइल लॉन्च होने के बाद इमेजिन इंफ्रारेड रडार से मिसाइल लॉक्ड टारगेट को फॉलो करते हुए हिट करती है। लॉन्चिंग के बाद इसे किसी भी तरह की एक्सटर्नल कमांड की जरूरत नहीं पड़ती।
- मिसाइल का भार 93 पौंड यानी 42 किलो है।
- इसकी लंबाई 6 फुट 3 इंच यानी 1.90 मीटर है।
- मिसाइल का व्यास 190 एमएम यानी 7.5 इंच है।
- यह फाइव मिसाइल सिस्टम पर आधारित है।
- मिसाइल की स्पीड 230 एम/एस है।
- इसका गाइडेंस सिस्टम एक्टिव इमेजिन इंफ्रारेड रडार सीकर पर आधारित है।
- इसकी रेंज 500 मीटर से 04 किलोमीटर तक होगी।