देश के 1540 सहकारी बैंक की बैंकिंग अब RBI के हवाले

नई दिल्ली (अविरल समाचार)। मोदी सरकार ने देश के सहकारी बैंकों (Cooperative Bank) की सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने फैसला लेते हुए देश के 1540 कोऑपरेटिव बैंकों ( सहकारी बैंक ) की बैकिंग को आरबीआई के हवाले कर दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक RBI कॉमर्शियल, शेड्यूल और राष्ट्रीयकृत बैंक का रेगुलेशन करती रही और कोऑपरेटिव बैंकों का नियमन नहीं करती थी। लेकिन अब बैंकिंग रेगुलेशन अमेंडमेंट 2019 में मूल बैकिंग रेगुलेशन एक्ट में सुधार करते हुए सहकारी बैंकों पर भी कॉमर्शियल बैंकों के मानदंड लागू होंगे।

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हालांकि केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने यह साफ किया कि सहकारी बैंकों की प्रशासनिक व्यवस्था पहले की तरह कोआपरेटिव रजिस्ट्रार के रेगुलेशन के हिसाब से चलती रहेगी। सिर्फ सहकारी बैंकों की बैकिंग व्यवस्था पर ही आरबीआई के मानदंड लागू होंगे। उन्होंने कहा, देश के 1540 सहकारी बैंकों में आठ करोड़ 60 लाख लोगों ने पैसे जमा किए हैं। इन बैंकों में पांच लाख करोड़ का धन जमा है। लंबे समय से जमाकर्ता बचत सुरक्षा के लिए यह मांग उठा रहे थे। इस प्रकार मोदी सरकार ने एक हफ्ते के भीतर जमाकर्ताओं के पैसे की सुरक्षा के लिए यह दूसरा ऐतिहासिक फैसला किया है।

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जावड़ेकर ने कहा, अब सहकारी बैंकों में पदाधिकारी बनने के लिए कुछ क्वालीफिकेशन होगी। जो शर्तों को पूरा करेगा, वही बन सकेगा। सीईओ की नियुक्ति के लिए पहले अनुमति लेनी होगी। इसको लेकर आरबीआई गाइडलाइंस जारी करेगी। आरबीआई के नियमों के अनुसार ऑडिट होगा। ऋणमाफी के लिए भी नियम का पालन करना होगा। अगर कहीं स्थिति बिगड़ती है तो सुपरसीड करके बैंक का कंट्रोल लेने का भी अधिकार आरबीआई को मिलेगा।

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