मुंबई (एजेंसी). देशभर में लॉकडाउन घोषित होने के बाद अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए लोग अपने गांव लौटने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. मजदूरों और फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. एक तरफ कोरोना वायरस का डर , दूसरी तरफ भूख की वजह से मजदूर अपने गांव जाना ठीक समझ रहे हैं.
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एक तरफ जहां कुछ लोग पैदल ही सैंकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करना चाहते हैं वहीं कुछ लोग चोरी-छिपे अपने अपने गांव की तरफ निकले हैं. इसी बीच मुंबई से नजदीक पालघर जिले में पालघर पुलिस ने एक ऐसे दूध के टैंकर को जब्त किया है जिसके भीतर दूध ना होकर इंसानों को छुपाकर एक राज्य से दूसरे राज्य भेजा जा रहा था.
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दूध जरूरी सेवाओं में आने वाली सेवा है जिसके नाम पर कुछ लोग मजदूरों से पैसे लेकर एक राज्य से दूसरे राज्य उन मजदूरों को उनके गांव पहुंचा रहे हैं. मुंबई से सटे कल्याण से यह दूध की गाड़ी निकली थी जिसके अंदर 12 मजदूर बैठे हुए थे लेकिन पालघर जिले के तलासरी से गुजरने के दौरान पुलिस को संदेह हुआ. पुलिस को यह संदेह हुआ था कि दूध की गाड़ी एक राज्य से दूसरे राज्य कैसे जा सकती है. जिसके बाद पुलिस ने इस गाड़ी की जांच की और गाड़ी के भीतर 12 लोग बैठे मिले. जबकि लॉकडाउन लागू है और दूध देने के लिए कोई वाहन इतनी लंबी यात्रा नहीं करता. पुलिस ने टैंकर चालक के साथ साथ 12 मजदूरों को हिरासत में लिया है और दूध की गाड़ी भी जब्त कर ली है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस गाड़ी में महिलाएं और छोटे बच्चे मुंबई से राजस्थान जा रहे थे.
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राज्य सरकार लगातार लोगों से अपील कर रही है कि जो जहां पर हैं उसी जगह पर रुक जाएं उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी लेकिन कई मजदूर इतना डरे हुए हैं कि वह जल्द से जल्द शहर छोड़ कर जाना चाहते हैं और इसके लिए वह कई सैकड़ों किलोमीटर की दूरी भी तय करने के लिए तैयार है.
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