तीन तलाक कानून के संवैधानिक वैधता को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने सहमत हुआ

नई दिल्ली (एजेंसी)। मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक को दंडात्मक अपराध बनाने वाले कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट विचार करने के लिए सहमत हो गया है। कोर्ट ने तीन तलाक पर लागू किए गए नए कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर प्रतिक्रिया मांगी है।

ज्ञात हो कि जमीयत उलमा-ए-हिंद ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन तालाक कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी। साथ ही इस कानून पर रोक लगाने की मांग भी की थी। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 संविधान की मूलभावना के अनुरूप नहीं है और इस पर रोक लगाने के लिए एक दिशा निर्देश की मांग करता है।

इससे पहले जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने तीन तलाक पर संसद में कानून पारित होने पर चिंता जताई थी। उन्होंने तीन तलाक बिल को मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय करने वाला बताया था। राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस बिल से मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं के साथ न्याय नहीं होगा।

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