जुलाई में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं का विरोध, पैरेंट्स बोले- कोविड-19 के खतरे के बीच बच्चे कैसे देने जा सकते हैं एग्जाम

 

नई दिल्ली(एजेंसी): जुलाई के पहले सप्ताह से 10वीं और 12वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं फिर से शुरू हो रही हैं. कोरोनावायरस बीमारी के बीच होने जा रही इन परीक्षाओं का विरोध शुरू हो गया है. शुक्रवार को स्टूडेंट्स के पैरेंट्स ने सोशल मीडिया पर अपना विरोध जताया. शुक्रवार को ट्विटर पर #StudentLivesMatter जैसे ट्रैंड्स पर हजारों ट्वीट हुए.

पैरेंट्स का कहना है कि इस वक्त जब कोरोना के मामले देश में 3 लाख से भी ऊपर चले गए हैं ऐसे में परीक्षाएं कैसे करवाई जा सकती हैं. पैरेंट्स की मांग है कि या तो इन परीक्षाओ को रद्द कर दिया जाए या कोई  वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. बता दें 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं देश भर में 25 मार्च को लागू हुए लॉकडाउन की वजह से रोक दी गई थीं.

अभिभावक निधि माथुर ने बताया- देश में कुछ सौ कोरोनावायरस के केस तो उक्त लॉकडाउन की लागू होने की वजह से बोर्ड की परिक्षाएं रोक दी गई. अब जब यह बीमारी इतनी ज्यादा फैल गई है तो क्या बच्चों की परीक्षा इतना अहम है कि उसे टाला नहीं जा सकता है. कोरोना के खतरे की बच यह परीक्षाएं होंगी ऐसे में कौन बच्चों की स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेगा और क्या कोई .

निधि माथुर ने कहा, ‘हमने सबको लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद कुछ बच्चों की माताओं ने ट्विटर पर अपनी बात रखने का फैसला किया और उसके बाद ट्विटर पर हजारों लोगों ने इन परीक्षाओं के विरोध में ट्वीट किए.’

गुड़गांव की रहने वालीं अभिभावक सोन्या कपूर ने बताया कि उनकी बेटी दसवीं में पढ़ती हैं जब हमें लगा कि हमें अपनी बात उठानी चाहिए तो मैंने और तीन अन्य माताओं ने तय किया कि ट्विटर पर इस मुहिम को शुरु किया जाए. सोन्या ने बताया कि उन लोगों ने मिलकर कई व्हाट्स एप ग्रुप बनाए. दूसरे राज्यों के पैरेंट्स से भी संपर्क साधा और ट्वीट करने के लिए एक टाइम तय किया.

सोन्या कपूर ने कहा कि एक बार जब ट्विटर पर हमने यह मुद्दा उठाया तो देखते ही देखते देशभर से इसे सपोर्ट मिलने लगा और इन परीक्षाओं के विरोध में हजारों ट्वीट्स हुए. उऩ्होंने कहा अब भी लोग लगातार इन परीक्षाओं के विरोध में ट्वीट कर रहे हैं.

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