छत्तीसगढ़ में आज अलग ही नजर आई हरेली त्यौहार की छटा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया हरेली जोहार कार्यक्रम का शुभारंभ

रायपुर (अविरल समाचार)। छत्तीसगढ़ के पहले त्यौहार हरेली की छटा आज प्रदेश में अलग ही नजर आ रही थी। सभी वर्ग, समाज के लोग इसमें बढ़ चढ़ कर भाग ले रहें थे। लोक कलाकार जहां अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे वहीं किसान अपने यंत्रों की पूजा कर रहे थे। प्रदेश में इसे लेकर विशेष उत्साह नजर पहली बार शासन ने इस दिन अवकाश की घोषणा भी की हैं। शासन ने सभी जिलों और ब्लाक में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये हैं।

छत्तीसगढ़ की संस्कृति की सतरंगी छटा अपने पूरे चटख के साथ मुख्यमंत्री निवास से छत्तीसगढ़ के सभी जिलों और गांव-गांव तक दिखाई दे रही है। भूपेश बघेल का राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास भी हरेली के पारंपरिक पर्व की इंद्रधनुषी छटा से सराबोर है। छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों, लोक नर्तकों, लोक गायकों ने इस रंग को और अधिक मधुरता से भर दिया है। लगभग पांच सौ लोक नर्तकों ने पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों एवं साज सज्जा के साथ गेड़ी, बैलगाड़ी के साथ यात्रा की। छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना के साथ ‘अरपा पैरी के धार’ जैसे सुमधुर गीतों, झांझर, मांदर और गुदुम बाजा के साथ हरेली गीत भी गाये गए। लोक नर्तक दलों ने गेड़ी, करमा, सुआ, राउत नाचा, पंथी नृत्य और गौरी-गौरा नृत्य प्रस्तुत किए। भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री निवास में आज सबसे पहले उनसे मिलने स्कूलों से आये नन्हें बच्चों से मुलाकात की और उनसे न केवल हरेली की शुभकामनाएं ली, बल्कि उन्हें हरेली की शुभकामनाएं देते हुए छत्तीसगढ़ के उत्साह भरे पारंपरिक खेलों के लिए प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री निवास में कृषि यंत्रों नांगर, कुदाली, फावड़ा, गैती आदि की विधि-विधान से पूजा कर हरेली जोहार कार्यक्रम का शुभारंभ किया। हरेली यात्रा के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने मंत्री मंडल के सदस्य ताम्रध्वज साहू और कवासी लखमा तथा विधायक सत्यनारायण शर्मा के साथ छत्तीसगढ़ के पारंपरिक रूप से सजे-धजे बैलगाड़ी पर सवार होकर मुख्यमंत्री निवास से निकलकर गांधी उद्यान तिराहे और फिर साक्षरता तिराहा पहुंचें । उन्होंने यहां उपस्थित नागरिकों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने हरेली यात्रा का शुभारंभ हल उठाकर किया। हरेली यात्रा के सामने जहां छत्तीसगढ़ी महतारी ने बैलगाड़ी पर सवारी की वहीं मुख्यमंत्री के बैलगाड़ी के बाद बैलगाड़ियों का कारवा निकला, जिसमें यहां के लोककलाकार भी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने हरेली की पूजा के बाद सावन झूले में बहनों से मुलाकात की। उन्होंने मंत्रीयों के साथ सावन के झूले का आनंद भी लिया।

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