रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बड़ी संख्या में कोरोना पॉजीटिव मरीज पाए गए हैं. सूरजपुर जिले में एक पुलिस कांस्टेबल सहित 9 मजदूर कोरोना पॉजीटिव मिले. सभी मजदूर सूरजपुर के आश्रय गृह में रह रहे थे. इन सभी मजदूरों को इलाज के लिए रायपुर एम्स रवाना किया जा रहा है. इन मरीजों के साथ प्रदेश में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 13 हो गई है. वहीं प्रदेश में कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या 47 हो गई है.
इससे पहले सूरजपुर के एक मजदूर का मंगलवार शाम को पॉजीटिव पाए जाने के बाद सूरजपुर के आश्रय गृह में रह रहे मजदूरों का स्ट कोरिया से मंगाई गई रैपिड टेस्ट किट से टेस्ट किया गया. जिसमें वहां ड्यूटी करने वाला एक पुलिस कांस्टेबल सहित 9 मजदूर कोरोना पॉजीटिव पाए गए.
बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा ने ट्वीट कर आश्रय गृह में ड्यूटी करने वाले पुलिस कांस्टेबल के पॉजीटिव पाए जाने की जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 9 कोरोना पॉजिटिव patients आए सामने,सभी सूरजपुर के आज आये पॉजिटिव मरीज के संपर्क में थे एक पुलिस constable भी जो इस सेंटर में duty में tha वो भी positive । ये सभी टेस्ट rapid testing किट्स से किए गए हैं अब एक्टिव मरीजो की संख्या 13”
जो मजदूर कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं, उनके साथ 300 मजदूर महाराष्ट्र से झारखंड जा रहे थे. जिन्हें छत्तीसगढ़ के बार्डर में रोका गया और उन्हें राजनांदगांव के आश्रय गृह में रखा गया था. 16 अप्रैल को इन मजदूरों को रात में बस से झारखंड के नजदीकी जिले सूरजपुर और जशपुर रवाना कर दिया गया. जिसमें कि जशपुर में 200 मजदूर और सूरजपुर में 106 मजदूरों को आश्रय गृह में रखा गया था.
सूरजपुर और जशपुर रवाना होने से पहले ये सभी मजदूर राजनांदगांव में एक साथ आश्रय गृह में थे. अब राजनांदगांव के आश्रय गृह में मौजूद लोगों में भी इसके संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है. वहीं जशपुर में रखे गए मजदूरों को भी कोरोना संदिग्ध माना जा रहा है. सूरजपुर के साथ ही जशपुर के आश्रय गृह में मौजूद मजदूरों का भी रैपिड टेस्ट किट से टेस्टिंग शुरु हो गई है.
बताया जा रहा है कि जशपुर जहां 200 मजदूर रह रहे हैं वहां पिछले चार-पांच दिन से बड़ी संख्या में NGO के लोग और सामाजिक कार्यकर्ताओं को आना-जाना भी हुआ है. जानकारी के मुताबिक यहां फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ है.
सूरजपुर आश्रय गृह जहां से इतनी बड़ी तादाद में मजदूर मिले हैं, उसी आश्रय गृह में ड्यूटी करने वाला कांस्टेबल भी पॉजीटिव पाया गया. जाहिर है कि यहां पर भी फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ. कांस्टेबल के पॉजीटिव पाए जाने के बाद इसका खतरा वहां के पुलिस कर्मियों में भी मंडराने लगा है.
बताया जा रहा है कि इन सभी मजदूरों का टेस्ट रैपिड टेस्ट से किया गया था. अब फिर से इन मजदूरों का टेस्ट कोविड 19 टेस्ट किट से किया जाएगा.