बिलासपुर (एजेंसी). छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) पंचायती राज अधिनियम 1993 को हाईकोर्ट (High Court) में चुनौती दी गई है. जानकारी के मुताबिक 1993 के अधिनियम को संविधान के विरुद्ध बताकर पुनेश्वर नाथ मिश्रा ने कोर्ट में रिट पिटीशन (Writ petition) दायर की है. याचिका में कहा गया है कि वर्तमान में ग्राम पंचायत, जनपद और जिला पंचायत में 50 प्रतिशत की सीमा के परे सीटे आरक्षित किया जाना नियमों के खिलाफ है. साथ ही पिछड़े वर्ग के नागरिकों को आरक्षण में अल्पसंख्यक, एसिड अटैक सर्वाइवर (Acid attack survivor), महिला, थर्ड जेंडर (Third gender) और राजनीतिक रूप से पिछड़े को आरक्षण का लाभ देने याचिका में मांग की गई है. अब हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
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छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि पंचायती राज अधिनियम 1993 के तहत वर्तमान में जो ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत में 50 फीसदी की सीमा के परे सीटे आरक्षित कर दिया जा रहा है वो संविधान के प्रावधानों के विपरीत है. याचिका में मांग की गई है कि अगर 50 फीसदी आरक्षण देना ही है तो पिछड़े वर्ग के नागरिकों में एसिड अटैक सर्वाइवर, थर्ड जेंडर , महिला और राजनीतिक रूप से पिछड़े लोगों को दिया जाए. साथ ही छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम की धारा 13(4) (¡¡), धारा 17, 23, 25, 32 और 129 (E) को निरस्त करने याचिका में मांग की गई है. मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन को 4 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है.
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