नई दिल्ली(एजेंसी): पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पिछले कई महीनों से भारत औऱ चीन के बीच तनाव चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद सत्र के दौरान कड़े शब्दों में चीन को जवाब दिया है. अब चीन के सरकारी अखबार ने शांति की बात कही है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि चीन ने भारत को लेकर अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं किया है. चीन का ये अखबार पहले कई बार भारत से युद्ध की बात कह चुका है.
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है, ‘’हम भारत को दुश्मन की तरह नहीं देखते हैं. भारत को लेकर हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. दिपक्षीय संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने के लिए हम भारत से सहयोग करने के लिए तैयार हैं.’’
अखबार ने कहा, ‘’पुरानी स्थिति बहाल होने में थोड़ा वक्त जरूर लगेगा, दोनों देशों को एक दूसरे से मुलाकात करते रहना होगा.’’
संसद का मानसून सत्र सोमवार को शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय सेना के जवानों के पीछे पूरा देश खड़ा है, यह सदन और सदन के सभी सदस्य एक मजबूत संदेश देंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज जब हमारी सेना के वीर जवान सीमा पर डंटे हुए हैं, जिस विश्वास के साथ खड़े हुए है, मातृभूमि की रक्षा के लिए डटे हुए है. यह सदन भी, सदन के सभी सदस्य एक स्वर से, एक भाव से, एक भावना से, एक संदेश देंगे कि सेना के जवानों के पीछे देश खड़ा है.
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच तीन महीनों से तनाव है. भारतीय सेना ने जिस तरह चीन को उसकी हद में रहने पर मजबूर कर दिया, उसके बाद तो ड्रैगन दूसरे रास्तों से भारत के खिलाफ साजिश रचने में जुट गया है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट से एक बड़ा खुलासा हुआ है. जिसके मुताबिक, चीन भारत के बड़े राजनीति और सामिरक क्षेत्र में बड़े पदों पर बैठे लोगों की जासूसी करा रहा है. इस जासूसी लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पांच प्रधानमंत्रियों, पूर्व और वर्तमान के 40 मुख्यमंत्रियों, 350 सांसद, कानून निर्माता, विधायक, मेयर, सरपंच और सेना से जुड़े समेत करीब 1350 लोगों के नाम शामिल हैं.