चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ के आज महाराष्ट्र में अलीबाग इलाके से टकराने की संभावना, सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे 21 हजार लोग

मुंबई: चक्रवाती तूफान निसर्ग के आज दोपहर बाद महाराष्ट्र के रायगड जिले के अलीबाग के पास टकराने की संभावना है. मंगलवार-बुधवार रात तक निसर्ग चक्रवात के गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप लेने की प्रबल आशंका है और यह आज महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट को पार कर जाएगा. चक्रवाती तूफान उत्तरी महाराष्ट्र और हरिहरेश्वर और दमन के बीच अलीबाग के पास दक्षिण गुजरात के तट को आज दोपहर बाद पार करेगा और हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के ऑफिस की ओर से कहा गया कि एनडीआरएफ के 16 दलों में से 10 को राज्य के तटवर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि मुंबई के अतिरिक्त ठाणे, पालघर, रायगड, रत्नागिरी और सिंधुगिरि जिले में चेतावनी जारी की गई है. इस तूफान का असर उत्तर महाराष्ट्र से लेकर दक्षिण गुजरात तक देखा जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवात को लेकर महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्रियों से बात की. केन्द्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है. पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बैठक की. इस बैठक में पीएम मोदी ने साइक्लोन को लेकर गृहमंत्री और एनडीएमए, एनडीआरएफ के साथ तैयारियों की समीक्षा की. साथ ही निर्देश दिया कि केंद्र की ओर से राज्य को हर प्रकार की मदद दी जाए.

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने चक्रवाती तूफान निसर्ग से निपटने के लिए राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) की दूसरी बैठक की मंगलवार को अध्यक्षता की. NDRF ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 40 टीमों को तैनात किया है और अतिरिक्त टीमों को भी एयरलिफ्ट किया गया है. नौसेना और वायु सेना के जहाजों और विमानों के साथ सेना और नौसेना की बचाव और राहत टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है. तटरक्षक बल के जहाज पहले से ही समुद्र में मछुआरों को बचाने में लगे हुए हैं. मुंबई पुलिस ने चक्रवात के मद्देनजर लोगों को तटों पर जाने से रोकने के लिये शहर में धारा 144 लगा दी है.

चक्रवात निसर्ग के मद्देनजर महाराष्ट्र के पालघर जिले के गांवों से 21 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जिलाधिकारी कैलास शिन्दे ने मंगलवार को बताया कि वसई, पालघर, दहानु और तालासरी तालुकाओं के 21,080 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन कार्यक्रम लागू कर दिया गया है. इस अवधि में सभी औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. जिलाधिकारी ने कहा कि मछुआरों से चार जून तक समुद्र में न जाने को कहा गया है. चक्रवात के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 10 टीमें तैनात की गई हैं.

गुजरात में चक्रवाती तूफान निसर्ग से निपटने की तैयारियों के बीच, वलसाड और नवसारी जिला प्रशासनों ने राज्य के तटीय क्षेत्रों में स्थित 47 गांवों से करीब 20 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है.

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