पीएम मोदी ने कहा- वायरस से लड़ने के साथ इकोनॉमी का भी ध्यान रखना जरूरी

नई दिल्ली(एजेंसी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सत्र को संबोधित कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन ऐसे समय पर हो रहा है, जब लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील के साथ ही कंपनियां परिचालन शुरू करने लगी हैं और कारखाने खुलने लगे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि इस मुश्किल समय में देश की जनता को भी बचाना है और देश की अर्थव्यवस्था को भी बचाना है. इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इस कड़ी में भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक 1 की तरफ बढ़ गया है.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं तो Getting Growth Back से आगे बढ़कर ये भी कहूंगा कि Yes ! We will definitely get our growth back. आप लोगों में से कुछ लोग सोच सकते हैं कि संकट की इस घड़ी में, मैं इतने Confidence से ये कैसे बोल सकता हूं? मेरे इस Confidence के कई कारण है.

पीएम ने कहा, मुझे भारत की क्षमता और आपदा प्रबंधन पर भरोसा है. मुझे भारत के प्रतिभा और प्रौद्योगिकी पर भरोसा है. मुझे भारत के नवाचार और बुद्धि पर भरोसा है. मुझे भारत के किसान, एमएसएमई, उद्यमी पर भरोसा है.

कोरोना महामारी पर पीएम ने कहा कि कोरोना ने हमारी गति जितनी भी धीमी की हो, लेकिन आज देश की सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि भारत, लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक फेज 1 की तरफ बढ़ चुका है। इसमें अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा खुल चुका है.

पीएम मोदी ने कहा, ” आज ये सब हम इसलिए कर पा रहे हैं, क्योंकि जब दुनिया में कोरोना वायरस पैर फैला रहा था, तो भारत ने सही समय पर, सही तरीके से सही कदम उठाए. दुनिया के तमाम देशों से तुलना करें तो आज हमें पता चलता है कि भारत में लॉकडाउन का कितना व्यापक प्रभाव रहा है.

कोरोना के खिलाफ अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. इसके लिए सरकार जो निर्णय अभी तक तुरंत जाने के लिए जरूरी है, वो ले रही है. और साथ में ऐसे भी निर्णय लिए गए हैं जो लांग रन में देश की मदद करेंगे.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ने गरीबों को तुरंत लाभ देने में बहुत मदद की है. इस योजना के तहत करीब 74 करोड़ Beneficiaries तक राशन पहुंचाया जा चुका है. प्रवासी श्रमिकों के लिए भी फ्री राशन पहुंचाया जा रहा है.

महिलाएं हों, दिव्यांग हों, बुजुर्ग हों, श्रमिक हों, हर किसी को इससे लाभ मिला है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को 8 करोड़ से ज्यादा गैस सिलेंडर डिलिवर किए हैं- वो भी मुफ्त.

पीएम ने कहा कि भारत को फिर से उछाल विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 चीजें बहुत जरूरी हैं. इंटेंट, इंक्लूजन, इन्वेस्टमेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन. हाल में जो बोल्ड फैसले लिए गए हैं, उसमें भी आपको इन सभी की झलक मिल जाएगी.

हमारे लिए सुधार कोई यादृच्छिक या बिखरे हुए निर्णय नहीं हैं. हमारे लिए सुधार प्रणालीगत, नियोजित, एकीकृत, अंतर-जुड़े और भविष्य प्रक्रिया है. हमारे लिए सुधारों का मतलब निर्णय लेने का साहस करना है, और उन्हें तार्किक निष्कर्ष तक ले जाना है.

सरकार आज ऐसे नीतिगत सुधारों को भी कर रही है, जिनके देश ने उम्मीद की थी कि वह दी भी थी. अगर मैं कृषि क्षेत्र की बात करूं तो हमारे यहाँ आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, वहाँ किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था.

पीएम ने कहा कि हमारे श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए श्रम सुधार भी किए जा रहे हैं. जिन गैर-सामरिक क्षेत्रों में केंद्रीय क्षेत्र को अनुमति नहीं थी, उन्हें भी खोला गया है.

सरकार जिस दिशा में बढ़ रही है, उसके साथ हमारा खनन क्षेत्र हो, ऊर्जा क्षेत्र हो, या अनुसंधान और प्रौद्योगिकी हो, हर क्षेत्र में उद्योग को भी अवसर मिलेंगे, और युवाओं के लिए भी नए अवसर खुलेंगे.

इस सबसे भी आगे बढ़कर, अब देश के रणनीतिक क्षेत्रों में भी निजी खिलाड़ियों की भागीदारी एक वास्तविकता बन रही है. आप चाहे अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं, परमाणु ऊर्जा में नए अवसर को तलाशना चाहते हैं, संभावनाएं आपके लिए पूरी तरह से खुली हुई हैं.

पीएम मोदी ने कहा, ”MSMEs की Definition स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है. इससे MSMEs बिना किसी चिंता के Grow कर पाएंगे और उनको MSMEs का स्टेट्स बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की ज़रूरत नहीं रहेगी.”

स्वभाविक है कि इस समय नए सिरे से मंथन चल रहा है. और ऐसे समय में, भारत से दुनिया की अपेक्षा और बढ़ीं हैं. आज दुनिया का भारत पर विश्वास भी बढ़ा है और नई आशा का संचार भी हुआ है.

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