क्या हैं BS6 और BS4, क्या पड़ेगा आप पर असर, पढ़ें पूरी जानकारी

क्या BS6 वाली गाड़ी मे BS4 ईधन डलवा सकते हैं ?

नई दिल्ली (एजेंसी). देश में नए उत्सर्जन मानक BS6को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। नए मानक 01 अप्रैल 2020 से लागू होने हैं। वहीं ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनियां अपनी कारों और बाइकों को नए मानकों के मुताबिक अपग्रेड कर रही हैं। तेल कंपनियां भी दावा कर रही हैं कि वे एक मार्च से सभी पेट्रोल पंपों पर बीएस6 ईधन उपलब्ध करवा देंगी। अगर आपके पास बीएस4 कार है और बीएस6 आने के बाद उस पर क्या पड़ेगा असर, आइए हम आपको बताते हैं..

नए बीएस6 मानक एक अप्रैल 2020 से लागू होने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ऑटो कंपनियों से इसकी डेडलाइन भी बढ़ाने से इंकार कर दिया है। इसका मतलब है कि तय तारीख से नए मानक लागू होंगे। पिछले एक साल से नए मानकों को लेकर देश में काफी हो-हल्ला मचा हुआ है। लोग इसे लेकर काफी असमंजस की स्थिति में हैं, जिसका असर ऑटो कंपनियों की सेहत पर पड़ रहा है।

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देश में बीएस3 मानक 2010 में लागू हुए थे, जिसके बाद 2017 में बीएस4 मानक लागू हुए थे। वहीं सरकार ने अब बीएस5 लाने की बजाए सीधे बीएस6 मानक लाने का फैसला किया है। फिलहाल पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों में इंटरनल कंबशन इंजन (ICE) का इस्तेमाल किया जाता है। यह इंजन कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, हाईड्रोकार्बन, ऑक्साइड्स ऑफ नाइट्रोजन और पार्टिकुलेट मैटर जैसे प्रदूषणकारी जहरीले तत्वों का उत्सर्जन करता हैं।

बीएस6 आने के बाद पेट्रोल इंजन 25 फीसदी कम उत्सर्जन करेंगे, जबकि डीजल इंजन  जबरदस्त 68 फीसदी कम नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन करेंगे।पहली बार बीएस6 मानक आने के बाद पार्टिकुलेट मैटर से पैदा होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी। पेट्रोल इंजन में यह घट कर 4.5 मिली ग्राम प्रति किमी तक हो जाएगा। वहीं डीजल वाहन भी इसी स्तर पर उत्सर्जन करेंगे, जो बीएस4 डीजल वाहनों से 82 फीसदी तक कम होगा। बीएस6 पेट्रोल वाहनों के उत्सर्जन मानकों में कोई बदलाव नहीं होगा, जबकि डीजल वाहनों में हाइड्रोकार्बन और ऑक्साइड्स ऑफ नाइट्रोजन घट कर 432 फीसदी तक हो जाएगा।

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अब सवाल ये उठता है कि अगर आपके पास बीएस4 गाड़ी है और आप उसमें बीएस6 ईधन डलवाते हैं तो उसकी परफॉरमेंस पर क्या असर पड़ेगा। ये सवाल कई लोगों के जहन में है। अगर आप पेट्रोल वाहन प्रयोग करते हैं, तो उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि पहले के मुकाबले उसकी परफॉरमेंस बढ़ जाएगी और वह पहले से कम प्रदूषण करेगा। आप बेफिक्र हो कर अपनी BS4 इंजन वाली पेट्रोल कार BS6 ईधन पर चला सकते हैं।

वहीं अगर आप BS4 इंजन वाली डीजल वाहन प्रयोग कर रहे हैं, तो शुरुआत में उस पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। नए बीएस6 डीजल ईधन में सल्फर की मात्रा 10 मिली ग्राम प्रति किग्रा होगी, जो बीएस4 डीजल ईधन में 50 मिग्रा प्रति किग्रा होगी। इससे डीजल इंजन पहले के मुकाबले कम माइलेज देंगे। इस समस्या से बचने के लिए आप वाहन में डीजल भरवाते समय फ्यूल एडिटिव जरूर डलवाएं। इससे इंजन की परफॉरमेंस भी बढ़ेगी।

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वहीं अगर आपने BS6 पेट्रोल वाहन खरीद लिया है और अगर आप उसमें बीएस4 ईधन डलवाते हैं, तो वे सुरक्षित हैं, यानी कि आप उन्हें बेफिक्र होकर चला सकते हैं। वहीं अगर आपके पास BS6 डीजल इंजन वाली कार है, तो उसमें भूल कर भी BS4 ईधन न डलवाएं। लंबे वक्त तक बीएस4 ईधन इस्तेमाल करने से बीएस6 डीजल इंजन में खराबी पैदा हो सकती है। इसके वजह है कि बीएस4 डीजल में ज्यादा सल्फर, जो उसकी कैटेलिटिक प्रक्रिया पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।     

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