क्या रामचरित मानस के दोहे में कोरोना वायरस की भविष्यवाणी का जिक्र है?

नई दिल्लीदेश में जानलेवा कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच नए-नए और अजीबो गरीब दावे किए जा रहे हैं. अब कोरोना वायरस को लेकर एक और दावा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दावा है कि कोरना वायरस के बारे में रामचरित मानस में पहले से ही दुनिया को जानकारी और चेतावनी दे दी गई थी. जानें इस दावे का सच क्या है?

दरअसल रामचरित मानस का एक दोहा सोशल मिडिया पर शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है, ‘’रामायण के दोहा नंबर 120 में लिखा है कि जब पृथ्वि पर निंदा बढ़ जाएगी, तब चमगादड़ अवतरित होंगे और चारों ओर उनसे संबंधित बीमारी फैल जाएगी और लोग मरेंगे. दोहा नंबर 121 में लिखा है- एक बीमारी जिसमें नर मरेंगे, उसकी सिर्फ एक दवा है प्रभुभजन, दान और समाधि में रहना यानि लॉकडाउन.’’

आपके चैनल एबीपी न्यूज़ ने वायरल हो रहे इस दावे की पड़ताल शुरू की और वाराणसी में मानस मर्मज्ञ पवन त्रिपाठी से मिला. पवन त्रिपाठी ने दावे के बारे में कहा, ‘’रामचरित मानस के उत्तर कांड में चौपाई दी हुई है, लेकिन उसका भाव अलग है. काग भुसुंडी और रोग जी के बीच में जो संवाद हुआ उसके बीच में ये चौपाई आई हुई है. सब कै निंदा जे जड़ करहीं. ते चमगादुर होई अवतरहीं.’’

पवन त्रिपाठी ने बताया, ‘’तुलसीदास जी के कहने का भाव ये है कि जो सबकी आलोचला करता है, ऐसा व्यक्ति जब शरीर छोड़कर जाता है तो दूसरे जन्म में चमगादड़ के रूप में अवतरित होता है.’’

पड़ताल में सामने आया कि रामचरित मानस में इस तरह से कोई जिक्र नहीं आया है, जिसका वर्णन कोरोना वायरस की बीमारी से संबंधित है. इस तरह से सोशल मीडिया चर्चित वो दावा जो रामचरित मानस के दोहे में कोरोना की भविष्यवाणी की बात कहता है, वह गलत साबित हुआ है.

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