कोरोना संकट: Lockdown के बीच लोगों में बढ़ रही है आर्थिक असुरक्षा की भावना, जानें- इसका मनोवैज्ञानिक समाधान

नई दिल्ली(एजेंसी): कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच घरों में बंद लोगों में आर्थिक असुरक्षा बढ़ रही है. आर्थिक असुरक्षा की भावना आर्थिक तनाव को जन्म देती है. और ये आर्थिक तनाव आपके शरीर में कई तरह की नकारात्मकता को जन्म देता है. लेकिन डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमारा मकसद ही आपकी चिंता औऱ डर को दूर करना है.

* सो नहीं पाते
* या ज्यादा सोने लगे हैं
* पाचन तंत्र कमजोर हो गया है
* अचानक से वजन बढ़ या घट रहा है
* मन उदास रहता है
* तनाव बढ़ रहा है
* चिंता में डूबे रहते हैं
* पैनिक अटैक्स आते हैं
* परिवार के लोगों से झगड़े होते हैं
* चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है
* किसी भी काम में मन नहीं लगता
* असहाय महसूस करते हैं
* एकाग्रता में कमी आ रही है
* आत्महत्या के विचार मन में आते हैं

लॉकडाउन में अगर आपके भीतर इस तरह के बदलाव आ रहे हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. आप आर्थिक तनाव के शिकार हैं. लेकिन सवाल ये है कि आखिर आप आर्थिक तनाव के शिकार क्यों हो रहे हैं? क्या इसका कोई समाधान है?

बहुत सारी इनकम जो आपको मिल रही थी उसमें एक सीमित वक्त के लिए ब्रेक लगा है. इस ब्रेक को सीमित वक्त का ना मानकर दिमाग इस तरह की चीजें सोचना शुरू कर देता है कि अब ये परिस्थिति हमेशा बनी रहेगी. इसलिए आर्थिक तनाव लोगों के दिमाग में आ सकता है.

आर्थिक तनाव की वजह तो आपने समझ ली. अब डॉक्टर मनीषा सिंघल से समझिए इस समस्या का मनोवैज्ञानिक समाधान…

ये सब दिमाग में होता है. आप किस तरह से क्या सोचते हैं. एक छोटा सा उदाहरण है अगर 6 नंबर एक तरफ लिखा है तो आपको दूसरी तरफ से 9 दिखेगा. तो ये हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम उस चीज को किस तरह से देखना चाहते हैं. हमें वर्तमान में रहना चाहिए. हमें वर्तमान का आनंद उठाना चाहिए.

आर्थिक तनाव आपके दिमाग में घर कर लेता है. मतलब दिमाग से इस तनाव को बाहर निकालना बहुत जरूरी है. कैसे? ये बता रहे हैं डॉक्टर नवदीप कुमार

स्ट्रेस ना लें, अपने दोस्तों, सोशल सर्कल को आप वीडियो कॉलिंग कर सकते हैं. उनसे बात कर सकते हैं. अपनी असुरक्षा को साझा करने से भी असुरक्षा कम होती है. जो भी आपके नजदीकी हैं आप उनसे व्यक्तिगत रूप से जाकर नहीं मिल सकते हैं मगर आप वीडियो कॉलिंग से बात कर सकते हैं. उससे भी आपको काफी राहत मिलेगी.

* लॉकडाउन को एक छोटा ब्रेक समझें
* दिमाग को स्थिर रखें
* मन को शांत रखें
* दोस्तों, करीबियों से बात करें
* वर्तमान का आनंद उठाएं
* नकारात्मक सोच से दूर रहें.

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