कोरोना संकट से मुकाबले के लिए साझेदारी बढ़ाएंगे जी-20 देश, मोदी ने की वैश्वीकरण के मानक बदलने की मांग

नई दिल्ली(एजेंसी): वैश्विक महामारी बने कोरोना वायरस (Covid-19) संक्रमण के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर आर्थिक समूह जी-20 ने मिलकर काम करने का संकल्प जताया है. साथ ही सभी नेताओं ने विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं को मजबूत करने पर भी जोर दिया. साथ ही चिकित्सा सामग्री, परीक्षण किट, वैक्सीन आदि की खरीद,आपूर्ति जैसे कामों में उसकी भूमिका बढ़ाए जाने पर भी रजामंदी जताई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत जी20 मुल्कों के नेताओं ने कोविड19 संकट के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए भी साझेदारी को लेकर सहमति जताई.

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जी-20 की अगुवाई कर रहे सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज-अल-सौद की अध्यक्षता में हुई विश्व नेताओं की वीडियो मुलाकात पहला अवसर था जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जापान के पीएम शिंजो आबे,चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत कई मुल्कों के प्रमुख एक साथ बात करने जुटे थे. साथ ही बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व खाद्य संगठन अतंरराष्ट्रीय श्रम संगठन समेत कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के भी प्रतिनिधि मौजूद थे. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक गुरुवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने तीन मिनट के अपने भाषण में इस बात पर प्रमुखता से जोर दिया कि कोविड19 महामारी एक वैश्विक चुनौती है जिसे सभी देशों को मिलकर लड़ना होगा.

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सूत्रों ने बताया कि पीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि वैश्वीकरण की मौजूदा व्यवस्था पर गंभीरता से पुनर्विचार करने की जरूरत है. लिहाजा अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को केवल आर्थिक हितों के बजाए मानव स्वास्थ्य और विकास को केंद्र में रखते हुए अपने कार्यक्रम बनाने की जरूरत है. इस कड़ी में पीएम ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा ढांचे के विकास और आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान का लाभ सभी तक पहुंचाने की कारगर व्यवस्था बनाए जाने का भी आग्रह किया.

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एशिया से लेकर लातिन अमेरिका तक की महत्वपूर्ण अर्थ व्यवस्थाओं के समूह के नेताओं की बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री ने कोविड19 जैसी आपदाओं से निपटने के लिए अधिक सहयोगात्मक वैश्वक ढांचे की भी जरूरत जताई. कोविड19 संकट के असर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के 90 फीसद मामले जहां जी-20 मुल्कों में हुए हैं वहीं 88 फीसद मौतें भी इसी क्षेत्रों में दर्ज की गई हैं. ऐसे में जरूरत है कि इसके असर को कम करने के लिए एक कारगर रणनीति बनाई जाए.

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वैश्विक मंच पर अधिकतर विकासशील मुल्कों की आवाज को पुरजोर तरीके से रखते हुए मोदी ने कहा कि कोविड19 संकट के मद्देनजर आधुनिक चिकित्सा शोध, मेडिकल उपकरण और अन्य क्षमताओं को सुलभ बनाने वाली व्यवस्था की जरूरत है. कोरोना वायरस संकट ने बता दिया है कि वैश्विक गांव में हम सबकी सुरक्षा इससे जुड़ी हुई है.

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