कृषि बिलों से MSP और मंडी खत्म नहीं होंगी, फैलाया जा रहा है भ्रम-कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर

नई दिल्ली(एजेंसी): केंद्र सरकार की तरफ लाये गये तीन कृषि बिलों पर मचे बवाल के बीच कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बातचीत की. कृषि मंत्री ने इन बिलों को किसानों के लिये लाभदायक बताया. कृषि मंत्री ने के कहा इन रिफॉर्म्स से किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने में मदद मिलेगी. ये बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लायेंगे.

कृषि मंत्री तोमर ने हमारे एक्ट से किसान को कई विकल्प मिलेंगे. इससे अब किसान मंडी के बाहर भी अपने उत्पाद बेच सकेंगे. इन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लेगेगा. इसका भुगतान तत्काल या तीन दिन में करना होगा. इन नये कानूनो से अंतरराज्यीय व्यापार खुलेगा.

उन्होंने कहा कि ये बिल किसान को आजादी देने वाले हैं. इसमें एमएसपी के खरीद को खत्म करने की बात कहकर भ्रम फैलाया जा रहा है. मैं सभी किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एमएसपी खत्म नहीं होगी. इस बिल से एमएसपी का कोई संबंध नहीं है.

एमएसपी भारत सरकार का प्रशासकीय निर्णय है. यह जारी रहेगी. एमएसपी एक निश्चित समय में ही खरीद होती है. उसके बाद में मंडी में ही खरीद होती है. अब किसान बाहर भी फसल बेच सकेंगे. प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि देश के किसानों को एमएसपी के लिये चिंतित होने की जरूरत नहीं है.

तोमर ने कहा कि एपीएमसी का एक्ट राज्य सरकार का है और राज्य के अंदर है. नया बिल इसको अतिक्रमित नहीं करता है. राज्य का एक्ट मंडी तक सीमित है. जब तक राज्य चाहेंगे वो रहेगा. हमारे एक्ट से किसान मंडी के अंदर और बाहर उपज बेच सकेगा. इस बिल को अब सरकार लाई है लेकिन मनमोहन सरकार के समय भी इसकी बात चली थी. नेशनल फार्मर कमीशन और स्वामीनाथन कमेटी ने भीयह रिकंडेशन की थी.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि आज किसान अपने घर से मंडी तक फसल लाता है तो उसको किराया देना पड़ता है. लाइसेंसी व्यापारी बोली लगाते हैं तो उसमें ही उसे फसल बेचनी पड़ती है. इस बिल से किसान किसी भी राज्य में बेच सकेगा. इसके लिये सरकार मैकेनिज्म बनायेगी. वह दूसरे राज्यों में घर बैठे फसल व्यापारियों को बेच सकेगा. इससे लॉजिस्टिक का खर्चा बचेगा.

सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिये कई तरफ से कार्य कर रही है. ये रिफॉर्म्स भी उसका हिस्सा हैं. आय बढ़ाने के लिये कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ), पीएम किसान जैसे कार्य किये हैं. कृषि के क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. सरकार किसानों की आय बढाने के लिये निरंतर प्रयास कर रही है.

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